Naraka Chaturdashi 2024: दिवाली से एक दिन पहले क्यों करते हैं यम देवता की पूजा, जानें इस दिन क्या करें

Naraka Chaturdashi 2024: इस दिन को छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन मृत्यु के देवता भगवान यम की पूजा करने की परंपरा है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान यम के नाम पर दीपक जलाने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है और नरक के कष्टों से मुक्ति मिलती है.

By Bimla Kumari | October 17, 2024 12:38 PM
an image

Naraka Chaturdashi 2024: रोशनी का त्योहार दिवाली नजदीक आ रहा है. दिवाली से एक दिन पहले एक शुभ अवसर मनाया जाता है. इस दिन को छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है. इस अवसर पर मृत्यु के देवता भगवान यम की पूजा करने की परंपरा है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान यम के नाम पर दीपक जलाने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है और नरक के कष्टों से मुक्ति मिलती है.

क्यों करते हैं यम देवता की पूजा

इस साल नरक चतुर्दशी की सही तिथि को लेकर कुछ भ्रम है. ज्योतिषी ने बताया कि छोटी दिवाली धनतेरस के एक दिन बाद और दिवाली से एक दिन पहले मनाई जाती है. हर साल छोटी दिवाली कार्तिक मास की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है. इस साल यह त्योहार 30 अक्टूबर को मनाया जाएगा और इसे नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन शाम को यम के नाम पर दीपक जलाया जाता है ताकि परिवार को अकाल मृत्यु से बचाया जा सके.

also read: Vastu Tips: पैसों की तंगी की समस्या से छुटकारा दिलाएंगे ये वास्तु टिप्स

कब है नरक चतुर्थी

ऋषिकेश पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास की चतुर्दशी तिथि 30 अक्टूबर को सुबह 11:23 बजे से शुरू होकर 31 अक्टूबर को दोपहर 2:53 बजे समाप्त होगी. चूंकि यम दीप (दीपक) शाम को जलाया जाता है और इस दिन यम की पूजा की जाती है, इसलिए नरक चतुर्दशी 30 अक्टूबर को मनाई जाएगी. यम दीप शाम को या रात में गोधूलि बेला में जलाया जाता है. इस वर्ष यम दीप जलाने का शुभ समय 30 अक्टूबर को शाम 5:30 बजे से 7:00 बजे के बीच है.

also read: Diwali 2024: दिवाली पर ही क्यों करते हैं घरों की सफाई,…

दीपक जलाने की विधि

नरक चतुर्दशी के दिन घर की दक्षिण दिशा में यमराज के नाम पर सरसों के तेल से भरा चौमुखी दीपक जलाना चाहिए. ऐसा करने से परिवार के सदस्यों में अकाल मृत्यु का भय दूर होता है और घर से रोग, कष्ट और दुख दूर होते हैं.

Trending Video

Exit mobile version