Narsingh Jayanti 2021: भगवान नरसिंह की मूर्ति दे रही बड़े प्रलय का संकेत, बंद होगा बद्रीनाथ मार्ग, जानें उत्तराखंड के इस मंदिर को लेकर क्या है प्रचलित मान्यताएं
Narsingh Jayanti 2021, Puja, Narsingh Badri, Uttarakhand Disaster: मंगलवार, 25 मई 2021 को भगवान विष्णु के चौथे अवतार भगवान नरसिंह की जयंती है. यह पर्व वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि इसी दिन नरसिंह जी का जन्म हुआ था. वे हिरण कश्यप से भगवान विष्णु के परम भक्त प्रहलाद की रक्षा करने हेतु जन्मे थे. उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ में इनकी खास मंदिर है. जिसे लेकर कुछ खास मान्यताएं भी है. लोगों का मानना है कि भगवान नरसिंह की प्रतिमा जल्द प्रलय का संदेश दे रही है...
Narsingh Jayanti 2021, Puja, Narsingh Badri, Uttarakhand Disaster: मंगलवार, 25 मई 2021 को भगवान विष्णु के चौथे अवतार भगवान नरसिंह की जयंती है. यह पर्व वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि इसी दिन नरसिंह जी का जन्म हुआ था. वे हिरण कश्यप से भगवान विष्णु के परम भक्त प्रहलाद की रक्षा करने हेतु जन्मे थे. उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ में इनकी खास मंदिर है. जिसे लेकर कुछ खास मान्यताएं भी है. लोगों का मानना है कि भगवान नरसिंह की प्रतिमा जल्द प्रलय का संदेश दे रही है…
दरअसल, हाल ही में उत्तराखंड के चमोली जिले में भीषण तबाही देखने को मिली थी जिसमें कई लोगों की जान चली गई. यहां बादल फटने से ये तबाही मची थी.
क्या है भगवान नरसिंह के मंदिर को लेकर मान्यताएं
ऐसी मान्यता है कि चमोली जिले के जोशीमठ में स्थित भगवान नरसिंह की मंदिर सप्त बद्री में से एक है. यही कारण है कि इन्हें नरसिंह बद्री नरसिंहा बद्री भी कहा जाता है. कहा जाता है कि भगवान नरसिंह जी की मूर्ति दिन-ब-दिन छोटी होती जा रही है. साथ ही साथ उनकी उनकी कलाई भी पतली होती जा रही है.
धार्मिक गुरुओं की माने तो यह शुभ संकेत नहीं है. एक समय ऐसा आने वाला है जब भगवान की कलाई बिल्कुल पतली होकर प्रतिमा से गिर जायेगी. ऐसा होते ही यहां भीषण प्रलय व भूस्खलन देखने को मिलेगा. कुदरत के इस कहर के बाद बद्रीनाथ का रास्ता हमेशा के लिए बंद हो जाएगा.
नोट: उपरोक्त खबर हिंदी वेबसाइट जी न्यूज में छपी रिपोर्ट के आधार पर है.
Posted By: Sumit Kumar Verma