Consumer Rights Day 2023 : जागो ग्राहक जागो ,कानून ने दिए हैं अधिकार, ताकि खरीदारी करते समय ठगे न जाएं आप
राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस 2023 : 24 दिसंबर को हर साल भारत में राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस (National Consumer Rights Day) के रूप में मनाया जाता है. उपभोक्ता के तौर पर अधिकारों को जानना बहुत जरूरी है कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 के तहत उपभोक्ताओं को 6 अहम अधिकार दिये गए हैं .
Consumer Rights Day 2023 : एक उपभोक्ता को अपने अधिकारों को जानना बहुत ही जरूरी है कई बार अपने अधिकारों से अनजान लोग बाजार में ठगी का शिकार हो जाते हैं. अधिकारों के बारे में जागरूकता ग्राहक को अपने लाभों को अधिकतम करने में मदद करती है. यह दिन लोगों को उपभोक्ता अधिकारों के अभियान के महत्व और प्रत्येक उपभोक्ता को उनके अधिकारों और जिम्मेदारियों के बारे में अधिक जागरूक बनाने का अवसर प्रदान करता है. सरकार भी उपभोक्ता अधिकारों की सुरक्षा पर जोर देती रहती है और नागरिकों को इसमें शामिल करने और उन्हें जागरूक करने का प्रयास करती है. उपभोक्ताओं को इन अधिकारों के बारे में जागरूक और उन्हें अपने दैनिक जीवन में शामिल करना भी बहुत अहम है
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम ग्राहकों को दोषपूर्ण वस्तुओं, लापरवाह सेवाओं और अनुचित व्यापार प्रथाओं से बचाने के लिए कार्य करता है. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम में छह मुख्य अधिकार शामिल हैं, जिनमें सुरक्षा का अधिकार, चयन का अधिकार, सूचित होने का अधिकार, सुनवाई का अधिकार, निवारण प्राप्त करने का अधिकार, और उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार शामिल हैं
उपभोक्ता संरक्षण कानून देता है ये 6 अधिकार
सुरक्षा का अधिकार (Right to safety): सुरक्षा का अधिकार के तहत ग्राहकों को वैसी चीजों से सुरक्षा का अधिकार है जिनकी जिंदगी को खतरा हो सकता है. इससे किसी वस्तुओं और सेवाओं की बाजारू नीति से जिंदगी या संपत्ति को बचाया जा सकता है.
सूचना का अधिकार (Right to Information)- सूचना का अधिकार के तहत ग्राहक को वस्तुओं की गुणवत्ता, मात्रा, शुद्धता और कीमत के बारे में सही जानकारी पाने का पूरा अधिकार है. ताकी कोई कंपनी उसके साथ जालसाजी नहीं कर सके.
जबरन खरीदारी करवाने के विरूद्ध अधिकार (Right against forcible purchase)- इस एक्ट के तहत ग्राहकों को यह अधिकार है कि वो वस्तुओं और सेवाओं को पसंद नहीं आने पर छांट सकता है. ग्राहकों को अनुकूल चीजें खरीदने का मौका मिलता है.
सुनवाई का अधिकार (Right of hearing)- सुनवाई का अधिकार के तहत ग्राहक को खरीदारी करते समय शोषण के विरूद्ध वो आवाज उठा सकता है. वो अपनी बात फोरम में भी रख सकता है.
ग्राहकों को शिकायत से निपटान का भी अधिकार मिला हुआ है. यानी उसकी किसी भी समस्या को निपटारा हर हाल में किया जाएगा.
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