National Panchayati Raj Day 2023: पंचायती राज दिवस प्रत्येक वर्ष 24 अप्रैल को मनाया जाता है. 1992 में पारित 73वां संविधान संशोधन अधिनियम भी इसी दिन मनाया जाता है. पंचायती राज प्रणाली, जो देश के सबसे पुराने शासी संगठनों में से एक है, भारत में लगभग 6 लाख समुदायों को नियंत्रित करती है.
यह दिन महत्वपूर्ण है क्योंकि 1957 में केंद्रीय बिजली व्यवस्था में सुधार लाने के लक्ष्य के साथ बलवंतराय मेहता की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था. अध्ययन के अनुसार समिति ने एक विकेंद्रीकृत पंचायती राज पदानुक्रम का सुझाव दिया, जिसमें ग्राम स्तर पर ग्राम पंचायतें, ब्लॉक स्तर पर पंचायत समिति और जिला स्तर पर जिला परिषद हो.
पंचायत शब्द दो शब्दों ‘पंच’ और ‘आयत’ के मेल से बना है. पंच का अर्थ है पांच और आयत का अर्थ है सभा. पंचायत को पांच सदस्यों की सभा कहा जाता है जो स्थानीय समुदायों के विकास और उत्थान के लिए काम करते हैं और स्थानीय स्तर पर कई विवादों का हल निकालते हैं. पंचायती राज व्यवस्था का जनक लॉर्ड रिपन को माना जाता है. रिपन ने 1882 में स्थानीय संस्थाओं को उनका लोकतांत्रिक ढांचा प्रदान किया था. अगर देश में किसी गांव की हालत खराब है तो उस गांव को सशक्त और विकसीत बनाने के लिए ग्राम पंचायत उचित कदम उठाती है. बलवंत राय मेहता समिति के सुझावों के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने सबसे पहले 2 अक्टूबर 1959 को राजस्थान के नागौर ज़िले में पंचायती राज व्यवस्था को लागू किया था. इसके कुछ दिनों के बाद आंध्र प्रदेश में भी इसकी शुरुआत हुई थी.
“स्थानीय सरकार” का उल्लेख संविधान की सातवीं अनुसूची के तहत राज्य सूची में है.”
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 40 में कहा गया है: “राज्य ग्राम पंचायतों को संगठित करने के लिए कदम उठाएगा और उन्हें ऐसी शक्तियां और अधिकार प्रदान करेगा जो उन्हें स्वशासन की इकाइयों के रूप में कार्य करने में सक्षम बनाने के लिए आवश्यक हो.”