National Parents Day: हम जब इस दुनिया में आते हैं और पहली बार किसी अपने की गोद में संभाले जाते हैं वो हमारे माता-पिता, अभिभावक या पेरेंट्स होते है. भगवान के बाद अगर किसी ने हमें इस दुनिया में संभाला है तो हमारे माता-पिता ही होते हैं. माता पिता के प्यार, त्याग और बलिदान की कोई तुलना नहीं की जा सकती है. जुलाई के चौथे रविवार को हर साल राष्ट्रीय माता पिता दिवस मनाया जाता है. ऐसे तो हर दिन माता-पिता को उनके प्यार और बलिदान के लिए सम्मानित करने का दिन होता है लेकिन यह दिन खास है जिस दिन हम उनके प्रति अपने प्यार को विशेष तरीके से जता सकते हैं. यह दिन उनके प्यार बलिदान और बच्चों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए धन्यवाद देने का है. माता पिता हमें जीवन के सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं. जीवन में कभी भी हमें जब ठोकर लगती है तो हमारी चीख से पहले दर्द की चीख जिनके मुंह से निकलती है वो हमारे अभिभावक ही होते हैं. जीवन की किसी भी परीक्षा में सफलता के लिए प्रोत्साहित करते हैं. हर बच्चे के लिए उनके माता-पिता अतुल्य होते हैं और राष्ट्रीय अभिभावक दिवस एक शानदार अवसर है उनके प्रति अपना आभार व्यक्त करने का.
राष्ट्रीय अभिभावक दिवस का इतिहास
राष्ट्रीय माता पिता दिवस की शुरुआत 1994 में हुई थी. जब तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किया जिसमें जुलाई के चौथे रविवार को माता-पिता दिवस अधिकारिक दिन के रूप में नामित किया गया था. तब से हर साल से वार्षिक उत्सव में हम जीवन में अपने माता पिता के द्वारा निभाई गई उनकी भूमिका का सम्मान करते हैं. यह दिन इसलिए भी खास है क्योंकि यह माता-पिता के बच्चों के प्रति निस्वार्थ प्रेम, उनके बलिदान और मार्गदर्शन के लिए संपूर्ण सराहना करने के लिए समर्पित होता है. कई बार हम अपने माता-पिता के प्रति अपनी कृतज्ञता का भाव व्यक्त नहीं कर पाते लेकिन इस खास दिन हम उन्हें बता सकते हैं कि हमारे जीवन में उनका क्या महत्व है. ये माता-पिता ही होते हैं जो हर चुनौतियों से लड़ते हुए अपने बच्चों के लिए सफलता का मार्ग प्रशस्त करते हैं.
कुछ ऐसे मनाएं राष्ट्रीय अभिभावक दिवस का जश्न
ऐसे तो हर दिन व्यस्तता में बीता है लेकिन राष्ट्रीय अभिभावक दिवस संडे के दिन मनाया जाता है इसलिए इसे स्पेशल बनाने के लिए बस समय निकालने की जरूरत है. संभव हो तो मोबाइल को एक दिन के लिए अपनों के बीच से दूर करें. खुल कर एक साथ बातें करें. कुछ अपनी कहें – कुछ उनकी सुनें.
माता- पिता की पुरानी तस्वीरों को कोलाज बनाकर उन्हें गिफ्ट कर सकते हैं. उनकी पसंद का उपहार भेंट करें. इससे भी अच्छी बात है कि आप भावनाओं का उपहार दें जिसमें कृतज्ञता का भाव हो.
यूं तो हम अपने पेरेंट्स के लिए कितना भी करें वो माता-पिता के कर्मों के आगे बौने ही होते हैं लेकिन नेशनल पेरेंट्स डे यह मैसेज देता है कि हमें रिश्तों की कद्र करनी चाहिए. दिन भर में कुछ वक्त जरूर निकालें , वह समय अपने माता पिता के लिए समर्पित करें उन्हें एहसास दिलाएं कि आपके हर कार्य में सबसे प्राथमिकता की सूची पर आपके माता-पिता आते हैं.
नेशनल पेरेंट्स डे मनाने के पीछे का उद्देश्य बच्चों को माता-पिता के प्रति प्यार और आभार जताना है. ये पेरेंट्स ही हैं जो अपने बच्चों की सबसे ज्यादा देखभाल करते हैं. माता -पिता के जैसा कोई भी बच्चों को कोई इतना प्यार नहीं कर सकता. अपने पेरेंट्स के साथ रहकर भी कई बार कितने दिनों तक बात नहीं हो पाती है तो इस दूरी को मिटाने के लिए उनके साथ कहीं बाहर फिल्म देखने का प्लान बना सकते हैं. वक्त है तो उनके साथ कहीं बाहर घूमने की योजना बनाए और अगर आप किसी दूसरे शहर में रहते हैं तो अचानक सरप्राइज देकर घर आकर उनके साथ क्वालिटी समय बिता सकते हैं.
ईश्वर के द्वारा सजाए हुए बगीचे में हमारे माता-पिता बागबान होते हैं जो हमारे जिंदगी का फूलों की तरह केयर करते हैं और हमारे जीवन में आने वाले हर कांटों को अपने हाथों से जीवनभर चुनकर निकालते हैं. हमारा भी दायित्व है कि हम अपने माता पिता के प्यार बलिदान और समर्पण की भावना का कद्र करें. उन्हें हमसे बदले में कुछ नहीं चाहिए होता है बस चाहिए तो थोड़ा सा प्यार थोड़ी सी केयर.
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