National Safety Day 2021: भारत में हर साल 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य दुर्घटनाओं से रोकने के लिए किए जाने वाले सुरक्षा उपायों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है.
क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस ?
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के दौरान औद्योगिक दुर्घटनाओं से बचाव के तरीकों के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए कई प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस खासतौर पर हजारों सिपाहियों को समर्पित किया जाता है, जो अपनी जान खतरे में डालकर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात रहते हैं.
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस को 4 मार्च 1972 में पहली बार मनाया गया था और इसी दिन नेशनल सेफ्टी काउंसिल की स्थापना की गई थी. इस वजह से इस दिन को नेशनल सेफ्टी डे के रूप में मनाया जाने लगा.
नेशनल सेफ्टी काउंसिल में एक गैर सरकारी और गैर लाभकारी संगठन के रूप में कार्य करता है. साल 1966 में मुंबई सोसायटी अधिनियम के तहत इस संगठन की स्थापना की गई थी जिसमें आठ हजार सदस्यों को शामिल किया गया था.
National Safety Day 2022 की थीम
हर साल, भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की थीम प्रकाशित करती है. भारत में नेशनल सेफ्टी डे एक खास थीम के साथ मनाया जाता है, इस साल राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2022 की थीम है “सुरक्षा संस्कृति के विकास हेतु युवाओं को प्रोत्साहित करें” (NURTURE YOUNG MINDS DEVELOP SAFETY CULTURE). लोगों को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की थीम के बारे में पता होना चाहिए.
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की गतिविधियां और कार्यक्रम
यह सप्ताह विभिन्न सरकारी, गैर सरकारी संस्थानों के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग और विभिन्न ओद्योगिक संगठनो द्वारा मिलकर मनाया जाता है. ये संस्थाए विभिन्न कार्यक्रमों और विभिन्न प्रमोशनल मटेरियल्स के द्वारा लोगों में राष्ट्रीय सुरक्षा कि भावना को जागरूक करती है. इन कार्यक्रमों को विभिन्न इलेक्ट्रोनिक मीडिया पत्रिकाओं, समाचार पत्रों और अन्य ओद्योगिक पत्रिकाओं के माध्यम से लोगों तक पहुँचाया जाता है.
इस पूरे राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह के दौरान राष्ट्रीय स्तर और राज्य स्तर पर विभिन्न गतिविधियों जैसे वाद-विवाद प्रतियोगिता, सेमिनार, सुरक्षा संदेशो के पोस्टर, स्लोगन, निबंध प्रतियोगिता, सुरक्षा पुरुस्कार वितरण, बैनर प्रदर्शनी, विभिन्न नाटक गीत तथा खेल प्रतियोगिता, विभिन्न कार्यशालाए और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण के मुद्दो पर जागरूक किया जाता है.