National Science Day 2023: हर साल आज के दिन 28 फरवरी को देश में विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है. यही वह दिन है जब देश के महान वैज्ञानिक सीवी रमन ने ‘रमन प्रभाव’ का आविष्कार किया था, जिसके लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
हर साल लोगों में विज्ञान के प्रति रुची बढ़ाने और समाज में इसके लिए जागरूकता लाने के लिए राष्ट्रीय विज्ञान दिवस को मनाया जाता है. राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद और विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय इस दिन देशभर में कई कार्यक्रमों का आयोजन करती है.
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का मुख्य उद्देश्य देश में विज्ञान की निरंतर उन्नति को बनाए रखना है. इसके साथ ही देशभर में परमाणु ऊर्जा के प्रति लोगों के डर को दूर करना इसका मुख्य उद्देश्य है. परमाणु ऊर्जा से ही देश के अथक विकास को सुनिश्चित किया जा सकता है. जिससे कि हमारे समाज में लोगों का जीवन स्तर काफी प्रगतिशील और विकसित हो सकता है.
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के दिन हर वर्ष देश के स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों और अन्य तकनीकी, इंजीनियरी, चिकित्सा, आदि शिक्षण संस्थानों में विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. शिक्षा संस्थानों द्वारा विज्ञान स्पीच, डिबेट, एक्टिविटी, कॉम्पीटिशन, आदि छात्र-छात्राओं में विज्ञान के प्रति जागरूकता एवं रूचि को बढ़ाने के लिए किया जाता है. वहीं, विभिन्न संगठनों एवं सरकारी विभागो द्वारा आज के दिन पब्लिक स्पीच, रेडियो एवं टीवी पर कार्यक्रम का प्रसारण, विज्ञान प्रदर्शनी, आदि भी लगाई जाती है.
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प्रोफेसर सी वी रमन ने तबला और मृदंग जैसे भारतीय ड्रमों की ध्वनि की सुरीली प्रकृति को चेक किया और ऐसा करने वाले वो पहले व्यक्ति थे.
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साल 1930 में पहली बार किसी भारतीय को विज्ञान के क्षेत्र में सर्वोच्च सम्मान, भौतिकी में नोबेल पुरस्कार मिला.
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साल 1943 में उन्होंने बैंगलोर के पास रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट की स्थापना की.
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भौतिकी को रमन इफेक्ट दिया, जिसका भौतिकी में बहुत खास योगदान है.
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साल 1954 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया.
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साल 1957 में रमन को लेनिन शांति पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया.
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सीवी रमन की खोज की याद में भारत हर साल 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाता है.