स्वतंत्र एजेंसी नेशनल साइंस फाउंडेशन (National Science Foundation) ने गुरुवार को अपने ट्विटर पर आकाशगंगा की तस्वीर को शेयर करते हुए दावा किया है कि हमारी आकाशगंगा के बीचो-बीच एक विशाल ब्लैक होल है. हालांकि, ब्लैक होल की यह पहली तस्वीर नहीं है. इससे पहले इसी समूह ने 2019 में एक ब्लैक होल की तस्वीर को जारी किया था और यह 53 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर एक आकाशगंगा में मौजूद था.
Our own black hole! Astronomers have just revealed the 1st image of the supermassive black hole at the center of our Milky Way galaxy using the @ehtelescope– a planet-scale array of radio telescopes that emerged from decades of NSF support. https://t.co/bC1PZH4yD6 #ourblackhole pic.twitter.com/pd96CH3V0m
— National Science Foundation (@NSF) May 12, 2022
खगोलविदों का मनना है कि अंतरिक्ष में मौजद सभी आकाश गंगाओं के केंद्र में अंगूठी की तरह आकृति का एक विशाल ब्लैक होल है. वहीं, खगोलविदों ने कहा कि वे धरती से लगभग 27000 प्रकाशवर्ष दूर स्थित इस ब्लैक होल को लेकर काफी उत्सुक हैं।
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टक्सन में यूनिवर्सिटी ऑफ एरिजोना के एस्ट्रोफिजिस्ट फेरियल ओजेल ने जानकारी देते हुए कहा कि यह छवि ब्लैक होल के चारो तरफ एक चमकती हुई अंगूठी की तरह है. इस ब्लैक होल को धनु A कहा जाता है.
टक्सन में यूनिवर्सिटी ऑफ एरिजोना के एस्ट्रोफिजिस्ट फेरियल ओजेल ने बताया कि यह ब्लैक होल धनु और स्कॉर्पियस नक्षत्रों की सीमा के करीब है. आकाशगंगा के केंद्र में मौजूद ब्लैक होल हमारे सूर्य की तलुना में 4 मिलियन यानि 40 लाख गुना अधिक विशाल है.
वैज्ञानिकों के अनुसार जब कोई विशाल तारा अपने अंत की ओर पहुंचता है तो वह अपने ही भीतर सिमटने लगता है. धीरे-धीरे वह भारी भरकम ब्लैक होल बन जाता है और फिर उसकी गुरुत्वाकर्षण शक्ति इतनी बढ़ जाती है कि उसके प्रभाव क्षेत्र में आने वाला हर ग्रह उसकी ओर खिंचकर अंदर चला जाता है. आइंस्टाइन बता चुके हैं कि किसी भी चीज़ का गुरुत्वाकर्षण स्पेस को उसके आसपास लपेट देता है और उसे कर्व जैसा आकार दे देता है. हालांकि, कई वैज्ञानिकों ने ब्लैक होल की परिभाषा अगल-अगल दी है.