National Statistics Day 2022: भारत सरकार 29 जून को प्रो. पी सी महालनोबिस (Prof. P C Mahalanobis) की जयंती पर राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस (National Statistics day) मनाती है. सामाजिक-आर्थिक योजना और नीति निर्माण में सांख्यिकी की भूमिका के बारे में युवाओं में जागरूकता पैदा करने के लिए यह दिवस मनाया जाता है. यह दिन रोजमर्रा की जिंदगी में सांख्यिकी के उपयोग को लोकप्रिय बनाने और सांख्यिकी कैसे नीतियों को आकार देने और तैयार करने में मदद करती है, इस बारे में जनता को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है.
राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस पहली बार 29 जून 2007 को मनाया गया था. भारत सरकार ने आर्थिक नियोजन और सांख्यिकीय विकास के क्षेत्र में स्वर्गीय प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महालनोबिस (Late Professor Prasanta Chandra Mahalanobis) द्वारा किए गए उत्कृष्ट योगदान का जश्न मनाने का फैसला किया और इसलिए उनकी जयंती को ‘राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस’ के रूप में मनाया जाता है.
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा कि 29 जून को राष्ट्रीय सांख्यिकी प्रणाली की स्थापना में महलोनोबिस के अमूल्य योगदान की मान्यता में राष्ट्रीय स्तर पर मनाए जाने वाले विशेष दिनों में से एक के रूप में नामित किया गया है. सांख्यिकी आर्थिक योजनाओं और नीतियों को बनाने में मदद करती है. यह तथ्यों को सटीक और निश्चित रूप में प्रस्तुत करता है. सांख्यिकी स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और सामाजिक सर्वेक्षण करने में मदद करती है. यह भी गणित का एक अनिवार्य हिस्सा है.
प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महलानोबिस का जन्म 29 जून 1893 को कोलकाता में हुआ था. उनका निधन 28 जून 1972 को हुआ था। वे महालनोबिस डिस्टेंस के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं. वह पहले योजना आयोग के सदस्यों में से एक हैं. प्रशांत चंद्र महालनोबिस ने 1931 में भारतीय सांख्यिकी संस्थान की स्थापना की. महालनोबिस को सरकार ने उन्हें भारतीय सांख्यिकी का पिता कहकर सम्मानित किया.