National Technology Day 2023: प्रत्येक वर्ष 11 मई को पूरे देश में ‘राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस’ मनाया जाता है. राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस का भारत में महत्वपूर्ण ऐतिहासिक महत्व है. हर साल इस दिन अधिकारीगण भारत के वैज्ञानिकों को उनकी उपलब्धियों के लिए सम्मान देते हैं. इस दिन को भारत की तकनीकी प्रगति की उपलब्धि के रूप में मनाया जाता है, दरअसल 11 मई, 1998 को देश ने पोखरण में परमाणु हथियारों का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था.
11 मई 1998 को भारत ने पोखरण में सफलतापूर्वक परमाणु परीक्षणों की एक श्रृंखला को अंजाम देकर एक बड़ी तकनीकी सफलता हासिल की थी. इस दिन पहले स्वदेशी विमान “हंसा-3” का परीक्षण किया गया था. आज के दिन भारत ने त्रिशूल मिसाइल का सफल परीक्षण भी किया था. तकनीकी प्रगति को ध्यान में रखते हुए, तत्कालीन प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 11 मई को हर साल राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी.
आज प्रौद्योगिकी यानि टेक्नोलॉजी की हर क्षेत्र में आवश्यकता है इसका महत्व केवल विज्ञान में ही नहीं बल्कि एक देश को आगे बढ़ाने के हर पहलु पर है. आज प्रत्येक व्यक्ति किसी ना किसी तरह से प्रौद्योगिकी से जुड़ा है. भारत को डिजिटल करने में प्रौद्योगिकी का बढ़ा हाथ है. जिस तरह से प्रत्येक विकसित औऱ विकासशील देश अपने-अपने परमाणु परीक्षण कर अपनी शक्तियों से दुनिया को रुबरु करा रहे हैं. उसी प्रकार भारत भी राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाकर अपने वैज्ञानिकों एवं उनके कार्यों को सम्मान प्रदान करता है.
इस दिन 1998 में पोखरण में न सिर्फ सफलतापूर्वक परमाणु परीक्षण किया गया, बल्कि इस दिन से शुरू हुई कड़ी 13 मई तक भारत के पांच परमाणु धमाकों में तब्दील हो चुकी थी. भारत ने न सिर्फ परमाणु विस्फोट से अपनी कुशल प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन किया, बल्कि अपने प्रौद्योगिकी कौशल के चलते किसी को कानोंकान परमाणु परीक्षण की भनक भी नहीं लगने दी. इस दिवस को मनाने का यह भी उद्देश्य है कि लोग ज्यादा से ज्यादा प्रौद्योगिकी के बारे में जान सकें, उसके प्रति जागरुक हो सकें. आज प्रौद्योगिकी के कारण ही समस्त विश्व एक-दूसरे से जुड़ पाया है. शिक्षा, व्यापार, संचार इत्यादि को आज सरल और संभव प्रौद्योगिकी ने ही बनाया है. भारत अपने इसी विकास को आगे बढ़ाने के लिए और प्रौद्योगिकी के महत्व को दर्शाने के लिए प्रतिवर्ष राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाता है.