National Voters Day 2022: देश में चुनावी माहौल बना हुआ है. उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर के विधानसभा चुनाव का औपचारिक ऐलान हो गया है. 10 फरवरी से मतदान शुरू होंगे और 10 मार्च को नतीजे घोषित होंगे. इधर देश भर में आज राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जा रहा है. भारतीय संविधान के मुताबिक, जनता ही इस अनूठे लोकतंत्र की बुनियाद है, जहां जनता सरकार को चुनती है. भारत निर्वाचन आयोग पूरे देश में इस बार 7वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस सेलीब्रेट कर रहा है.
25 जनवरी 2011 से राष्ट्रीय मतदाता दिवस की शुरुआत की गई. 26 जनवरी 1950 को चुनाव आयोग ने काम करना शुरू किया था. राष्ट्रीय मतदाता दिवस की शुरुआत का मकसद ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं का सूची में नाम जोड़ना, मतदान के लिए प्रेरित करना है.
राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद राष्ट्रीय पुरस्कार देंगे. मतदान से जुड़े बेहतरीन कार्य करने वाले राज्य और जिला स्तरीय ऑफिसर्स को सम्मानित किया जाएगा. कोविड-19 संकट में मतदान के दौरान नई तकनीक को बढ़ावा देने, सुरक्षा के उपाय करने, मतदाताओं को जागरूक करने वालों को भी सम्मानित किया जाएगा.
इसकी एक थीम होती है. इस दिन सरकार मतदाताओं को जागरूक करने के लिए अभियान चलाती है. खासकर जो मतदाता पहली बार वोटर हैं, या जिनके नाम अब तक वोटर्स लिस्ट में नहीं हैं. इस दिन नेशनल अवॉर्ड से चुनाव प्रक्रिया में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले लोगों को सम्मानित किया जाता है.
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मतदाता दिवस का आयोजन 25 जनवरी 2011 से शुरू हुआ. इस दिन तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ का शुभारंभ किया था.
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भारत में वोटिंग के लिए 18 साल की आयु सीमा निर्धारित है. 18 का होने पर व्यक्ति को मताधिकार प्राप्त हो जाता है. इसके बाद वह सभी प्रकार के लोकतांत्रिक चुनावों में वोट डाल सकता है.
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सभी मतदान केंद्र वाले क्षेत्रों में प्रत्येक वर्ष उन सभी पात्र मतदाताओं की पहचान की जाती है, जिनकी उम्र एक जनवरी को 18 वर्ष हो चुकी होगी.
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इस क्रम में 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के नए मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में दर्ज किए जाते हैं. साथ ही उन्हें वोटर आईडी प्रदान की जाती है.
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विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में मतदान को लेकर कम होते रुझान को देखते हुए चुनाव आयोग ने राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाए जाने का निर्णय लिया था.