National Walking Day: हर साल अप्रैल के पहले बुधवार को नेशनल वॉकिंग डे मनाया जाता है और इस साल यह दिन 3 अप्रैल को पड़ रहा है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य पैदल चलने यानी वॉक करने से स्वास्थ्य को मिलने वाले लाभ के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना है. विशेषज्ञों की मानें तो वॉक न सिर्फ पूरे शरीर को सक्रिय रखती है, बल्कि अंगों को सुचारू रूप से काम करने के लिए प्रेरित करती है. अगर आप नियमित वॉक करने की आदत डाल लें, तो इससे आपकी सेहत को एक नहीं, बल्कि कई फायदे मिल सकते है.
-1 सप्ताह में एक घंटा पैदल चलने से कोरोनरी हृदय रोग का जोखिम कम होता है.
-15 मिनट हर दिन की गयी वॉक आपके जीवन प्रत्याशा में तीन साल तक की वृद्धि कर सकती है.
-24-32 प्रतिशत तक कम हो सकता है नियमित रूप से वॉक करने से गठिया के रोगियों का दर्द.
-2000 कदम हर दिन चलने वाले लोगों में हार्ट अटैक से होने वाली मौत का जोखिम 10 प्रतिशत तक कम हो जाता है, द लैंसेट में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार.
-लंबी अवधि में वजन कम करने के लिए आप पैदल चलने के तरीके को अपना सकते हैं. यहां तक कि धीमी गति से चलने से 91 किलो वजन वाले किसी व्यक्ति की प्रति मील लगभग 114 कैलोरी तक बर्न हो सकती है.
-वॉकिंग ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में भी सहायक है और इससे एरोबिक क्षमता 19 प्रतिशत तक बढ़ सकती है.
-दिन में 80 मिनट की स्लो वॉक से घुटने व कूल्हे के दर्द के साथ-साथ टखनों या पैरों में आयी जकड़न को दूर किया सकता है.
-रोजाना पैदल चलने से शरीर में एंडोर्फिन नामक हार्मोन का रिसाव होता है, जिसे फील गुड हार्मोन कहा जाता है. इससे व्यक्ति के मूड में सुधार होता है और वह अच्छा महसूस करता है.
मेंटल हेल्थ के लिए फायदेमंद है रिवर्स वॉक : रिवर्स वॉक यानी उल्टा चलना मासनिक सेहत को कई तरह के लाभ पहुंचाता है. पीछे की तरफ चलने से दिमाग पर अधिक जोर पड़ता है, जिससे शरीर के प्रति जागरूक होने की भावना विकसित होती है. इससे संपूर्ण मनोदशा बेहतर होती है, दृष्टि में सुधार होता है और सोचने-समझने की क्षमता तेज होती है.
स्वास्थ्य संबंधी कई कारकों को बढ़ावा देती है वॉक : वॉक करने से आपकी नींद बेहतर होती है. एकाग्रता बढ़ती है. शरीर में ऊर्जा का संचार होता है. तनाव से राहत मिलती है. हृदय स्वास्थ्य बेहतर होता है. आत्मविश्वास में वृद्धि होती है. हड्डियों, जोड़ों एवं मांसपेशियों को मजबूती मिलती है. वजन को नियंत्रित करना आसान हो जाता है. फेफड़े अच्छी तरह से काम करते हैं और प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है.
कम होता है इन बीमारियों का जोखिम : नियमित वॉक करनेवाले व्यक्ति में कोरोनरी हृदय रोग, स्ट्रोक, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, आंत का कैंसर, ऑस्टियोपोरोसिस एवं अवसाद जैसी बीमारियों का खतरा अन्य लोगों की अपेक्षा काफी कम होता है.
जानें वॉक करने का सही तरीका
- वॉक करते वक्त मुंह बंद रखें और गहरी सांस लें.
- दोनों कंधों को सीधा व पीछे की ओर रखें.
- छाती को आगे, सिर पीछे और आंखों को सतर्क रखें.
- एक समान गति में चलने की बजाय गति को कम या ज्यादा करते रहें.
- तेज गति से वॉक करने से पहले वॉर्मअप जरूर करें.
रोजमर्रा की आदतों में करें कुछ परिवर्तन
- पास की दुकान या बाजार जाने के लिए वाहन का उपयोग करने की बजाय पैदल जाएं.
- मोबाइल पर लंबी बातचीत टहलते हुए करें.
- ऑफिस में इंटरकॉम या फोन का उपयोग करने के बजाय अपने सहयोगी से बात करने के लिए उसके पास चलकर जाएं.
- दोपहर का खाना खाने के बाद कुछ देर पैदल चलें.
- मुमकिन हो तो किसी दोस्त या साथी के साथ मॉर्निंग वॉक पर जाएं.
रखें सुरक्षा का ख्याल
- यदि आप किसी नये रास्ते पर वॉक करने जा रहे हैं, तो उसके बारे में पूरी जानकारी ले लें.
- अंधेरे में वॉक करने के दौरान चटक रंग के कपड़े पहनें.
- वॉक के लिए फर्म हील वाले फ्लेक्सिबल जूतों का उपयोग करें.