National Youth Day 2022: स्वामी विवेकानंद के इन विचारों के जरिए दें राष्ट्रीय युवा दिवस की शुभकामनाएं
National Youth Day 2022, Swami Vivekananda Ke Anmol Vichar: भारत में 12 जनवरी 2022 को स्वामी विवेकानंद जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाएगा. यहां देखें स्वामी विवेकानंद के अनमोल विचारों
स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता में हुआ था. आपके बचपन का नाम नरेन्द्रनाथ दत्त था. ‘स्वामी विवेकानंद’ नाम उनको उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस ने दिया था. अमेरिका के शिकागो में आयोजित विश्व धर्म सम्मलेन में आपने भारत की ओर से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया, तथा वेदांत दर्शन का प्रसार पुरे विश्व में किया.
उन्होंने समाज के सेवा कार्य के लिए रामकृष्ण मिशन की स्थापना की. भारत में 12 जनवरी 2022 को स्वामी विवेकानंद जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाएगा. राष्ट्रीय युवा दिवस के रुप में स्वामी विवेकानंद के जन्म दिवस को मनाने के लिये वर्ष 1984 में भारतीय सरकार द्वारा घोषणा की गयी थी.
राष्ट्रीय युवा दिवस पर यहां देखें स्वामी विवेकानंद जी के प्रेरणादायक और अनमोल सुविचार
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एक नायक बनो और सदैव खुद से कहो मुझे कोई डर नहीं है जैसा मैं सोच सकता हूं, वैसा जीवन में जी भी सकता हूँ.
– स्वामी विवेकानंद
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कभी यह मत सोचिए कि आत्मा के लिए कुछ भी करना असंभव है. खुद को निर्बल मानना ही सबसे बड़ा पाप है याद रखिए की आत्मा के लिए इस दुनिया में सब कुछ पाना संभव है.
– स्वामी विवेकानंद
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जितना बड़ा संघर्ष होगा जीत उतनी ही शानदार होगी.
– स्वामी विवेकानंद
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लगातार अच्छे विचार सोचते रहना ही बुरे विचारों को दबाने का एकमात्र तरीका यही है.
– स्वामी विवेकानंद
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खड़े हो जाओ हिम्मत वाले बनो सब जवाबदारीयां अपने सर ओढ़ लो और याद रखो अपने नसीब के रचयिता आप खुद हो.
– स्वामी विवेकानंद
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उठो मेरे शेरो, इस भ्रम को मिटा दो कि तुम निर्बल हो, तुम एक अमर आत्मा हो, स्वच्छंद जीव हो, धन्य हो, सनातन हो, तुम तत्व नहीं हो, ना ही शरीर हो, तत्व तुम्हारा सेवक है तुम तत्व के सेवक नहीं हो.
– स्वामी विवेकानंद
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कुछ सच्चे, इमानदार और उर्जावान पुरुष और महिलाएं, जितना कोई भीड़ एक सदी में कर सकती है उससे अधिक एक वर्ष में कर सकते हैं.
– स्वामी विवेकानंद
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कुछ मत पूछो, बदले में कुछ मत मांगो. जो देना है वो दो, वो तुम तक वापस आएगा, पर उसके बारे में अभी मत सोचो.
– स्वामी विवेकानंद
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शक्ति जीवन है, निर्बलता मृत्यु है विस्तार जीवन है, संकुचन मृत्यु है, प्रेम जीवन है, द्वेष मृत्यु है.
– स्वामी विवेकानंद