Nautapa 2022: नौतपा के नौ दिनों में भीषण गर्मी होती है. जब सूर्य देव रोहिणी नक्षत्र में गोचर करते हैं उसी दिन से नौतपा की शुरुआत होती है. रोहिणी नक्षत्र में आते ही पृथ्वी का तापमान बढ़ने लगता है. इस समय में सूर्य देव 14 दिनों के लिए रोहिणी नक्षत्र में आते हैं. लेकिन इन 14 दिनों में शुरु के 9 दिन सबसे गर्म होते हैं, जिसे नौतपा कहा जाता है.
नौतपा एक अवधि है जो ज्येष्ठ के हिंदू महीने में पड़ता है. यह नौ दिनों तक चलता है और इसलिए इसका नाम नौतपा पड़ा. इस वर्ष, नौतपा आज से यानी 25 मई से शुरू हो रहा है और 2 जून को समाप्त होगा. सूर्य का रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश 25 मई, दिन बुधवार को सुबह 8 बजकर 26 मिनट पर होगा. सूर्य का रोहिणी नक्षत्र में गोचर समाप्ति आठ जून, दिन बुधवार, सुबह 6 बजकर 50 मिनट पर होगा.
सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते समय मेष राशि में राहु-शुक्र की युति बनेगी और वृषभ राशि में सूर्य और बुध की युति बनेगी, जिससे बुधादित्य नाम का शुभ योग बनेगा. मीन राशि में मंगल, चंद्र और गुरु की युति रहेगी. केतु तुला राशि में रहेगा. नौतपा में आटे से भगवान ब्रह्मा की मूर्ति बनाकर पूजा करना शुभ माना जाता है.
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नौतपा के दौरान कम मसालों वाले फूड्स का सेवन करने की सलाह दी जाती है. यानी आज से लेकर 2 जून तक अपने आहार में हरी, ताजी सब्जियां और मौसमी फल शामिल करने से गर्मी से बचे रहने में मदद मिलेगी.
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इन नौ दिनों में नियमित अंतराल पर पानी का सेवन कर खुद को हाइड्रेट रखना बहुत जरूरी है. इसके अलावा, दही शुक्र से जुड़ा हुआ है और इसलिए, दही का सेवन आपको नौतपा के दुष्प्रभावों से छुटकारा पाने में मदद कर सकता है.
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गुरु अपनी राशि में गोचर कर रहे हैं, इसलिए अच्छे मानसून की उम्मीद की जा सकती है. हालांकि, वृष में सूर्य और रोहिणी में चंद्र (चंद्रमा) की उपस्थिति के कारण पारा चढ़ सकता है.
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सूर्य हम सभी के अस्तित्व के लिए आवश्यक है, इसलिए श्री आदित्य हृदय स्तोत्र का जाप करके सूर्य देव के प्रति अपना आभार व्यक्त करें. आप सूर्य देवता को कलश से जल भी चढ़ा सकते हैं.
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नौतपा के दिनों में पक्षियों और छोटे जानवरों के लिए छत पर या खिड़की के बाहर थोड़ा पानी रखें. राहगीरों को पीने का पानी उपलब्ध कराने से भी देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
नौतपा में सुबह पूजा के बाद सत्तू, घड़ा, पंखा या धूप से निजात दिलाने वाला छाता दान कर सकते हैं. इस अवधि में जरूरतमंदों को ठंडी चीजें दान करने से करने से पूण्य फलों की प्राप्ति होती है. आप चाहें तो शरीर को ठंडक देने वाली चीजें जैसी कि दही, नारियल पानी या तरबूज का भी दान कर सकते हैं.