Navratri kalash Sthapana: कलश स्थापना कैसे करें, कब स्थापित करें देवी की प्रतिमा? जान लें जरूरी बातें
कलश स्थापना कैसे की जानी चाहिए? किन महत्वपूर्ण कारकों पर विचार किया जाना चाहिए? और इस अनुष्ठान के लिए सबसे शुभ समय क्या है? इस बारे में पूरी जानकारी यहां विस्तार से बताई गई है.
Navratri 2024: देवी दुर्गा को समर्पित नवरात्रि का त्योहार शुरू होने वाला है. नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की रस्म होती है, जो देवी की इस विशेष 9-दिवसीय भक्ति की शुरुआत का प्रतीक है. लेकिन कलश स्थापना कैसे की जानी चाहिए? किन महत्वपूर्ण कारकों पर विचार किया जाना चाहिए? और इस अनुष्ठान के लिए सबसे शुभ समय क्या है? इस बारे में पूरी जानकारी यहां विस्तार से बताई गई है.
नवरात्रि पूजा कलश स्थापना के बिना अधूरी मानी जाती है. अनुष्ठान के लिए आवश्यक वस्तुओं में शुद्ध मिट्टी का बर्तन, मिट्टी, जौ, नारियल, लाल चुनरी, साड़ी, मिट्टी का दीपक, सिक्का, आम के पत्ते, सुपारी और चावल के दाने शामिल हैं.
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कैसे करें कलश स्थापना
- ब्रह्म मुहूर्त (सुबह जल्दी) या शुभ मुहूर्त (शुभ समय): स्नान के बाद सुबह जल्दी अनुष्ठान शुरू करें, स्वच्छता और पवित्रता सुनिश्चित करें.
- मिट्टी तैयार करना: एक बर्तन लें और उसमें मिट्टी डालें, उसे पानी से गीला करें. यह मिट्टी उर्वरता और विकास का प्रतीक है.
- जौ बोना: मिट्टी में जौ के बीज बोएँ, जो घर में समृद्धि और विकास का प्रतिनिधित्व करता है.
- कलश स्थापना: जौ के साथ मिट्टी के ऊपर एक मिट्टी का कलश (बर्तन) रखें. कलश प्रचुरता और दिव्यता का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है.
- कलश भरना: कलश को गंगा जल से भरें, जो पवित्रता का प्रतीक है. यदि यह उपलब्ध नहीं है तो आप गंगा जल के स्थान पर स्वच्छ जल का उपयोग कर सकते हैं.
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- कलश में चढ़ावा: कलश के जल में सुपारी, एक सिक्का और फूल डालें। ये वस्तुएं भक्ति, धन और पवित्रता का प्रतीक हैं.
- अक्षत कटोरा: कलश के ऊपर अक्षत (अखंडित चावल के दाने) से भरा मिट्टी का कटोरा रखें.
- देवी की प्रतिमा: कलश के सामने देवी की प्रतिमा या छवि रखें, जो दिव्य माँ की उपस्थिति का प्रतिनिधित्व करती है.
- वैदिक पूजा: पूरे वैदिक अनुष्ठानों के साथ पूजा करें, जिसमें मंत्रों का जाप, फूल, फल और धूप चढ़ाना शामिल हो सकता है.
- दैनिक पूजा: नवरात्रि के सभी नौ दिनों तक पूजा का यह क्रम जारी रखना चाहिए, जिसमें हर दिन प्रसाद और प्रार्थना की जाती है.
- दशहरा पर विसर्जन: दसवें दिन, दशहरा पर, कलश को पानी में विसर्जित किया जाता है, जो त्योहार के समापन और देवी के अपने दिव्य निवास पर लौटने का प्रतीक है.
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कलश स्थापना का समय
बताएं आपको कि इस बार नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू हो रही है. 3 अक्टूबर को कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 5:42 बजे से 8:02 बजे तक है. इसके अलावा आप घर में कलश स्थापना भी दोपहर 12:23 से 2:40 के बीच कर सकते हैं.