Navratri 2024 Kanya Puja: कन्या पूजन के लिए न मिले लड़कियां तो करें ये 3 काम, प्रसन्न होंगी माता

Navratri 2024 Kanya Puja: कन्या पूजन के लिए न मिले लड़कियां तो क्या करना चाहिए. कन्या पूजन के लिए कन्या का न मिला सबसे बड़ी परेशानी बन जाती है. अगर आप भी इस मुश्किल में फंस गए हैं तो ये लेख आपको जरूर पढ़ना चाहिए.

By Bimla Kumari | September 30, 2024 4:53 PM

Navratri 2024 Kanya Puja: नौ दिवसीय शारदीय नवरात्रि पूरे भारत में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है. यह देवी दुर्गा के नौ रूपों को समर्पित है. शारदीय नवरात्रि हिंदू महीने अश्विन में मनाई जाती है, जो अक्सर ग्रेगोरियन कैलेंडर पर सितंबर और अक्टूबर के बीच आती है.

चार नवरात्रि- माघ (सर्दियों), चैत्र (वसंत), आषाढ़ (मानसून), और शरद या शारदीय (शरद ऋतु) में से इसे सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है, यही वजह है कि इसे महा नवरात्रि के रूप में भी जाना जाता है. नवरात्रि में नौ कन्या पूजन का विशेष महत्व है. इन दिनों व्रत और पाठ करने वाले भक्त आठवें या नवमें दिन को कन्या पूजन के बाद व्रत खोलते हैं.

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कन्या पूजन के लिए न मिले कन्या तो क्या करें?


पूरे भारत में नवरात्रि की धूम रहती है. हर दूसरे घर में देवी दुर्गा की पूजा अर्चना होती है. इस दौरान लोग भक्तीमय रहते हैं. लेकिन समस्या तब घड़ी हो जाती है, जब नव कन्या पूजन के लिए छोटी लड़कियों को भोजन के लिए आमंत्रित करना पड़ें, क्योंकि कई बार छोटी बच्चियां (जिन लड़कियों की उम्र 10 साल से कम हो) का मिलना बेहद मुश्किल हो जाता है.

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  • अगर आपके आस-पड़ोस में कन्या पूजन के लिए कोई कन्या नहीं हैं, तो ऐसी स्थिति में आप मंदिर जाकर भी दान-दक्षिणा और कन्या पूजन का समापन कर सकते हैं. इसके साथ ही जरूरतमंद या गरीबों के बच्चों और बच्चियों को भी भोजन करा सकते हैं. इसके साथ ही उन्हें अपनी क्षमता के अनुसार दान करें.
  • इसके अलावा आप घर की स्त्रियों की पूजा कर सकते हैं. हिंदू धर्म में स्त्री को देवी का स्वरूप माना जाता है. घर की स्त्रियों का भी कन्या की तरह ही उनकी पूजा करें.
  • कई बार बच्चियों के स्कूल चले जानें के कारण छोटी बच्चियां घर नहीं आ पाती है, ऐसे में आप कन्याओं को उनके घर जाकर भी उन्हें प्रसाद दे सकते हैं.

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कन्या पूजन की सही विधि

  • अष्टमी या नवमी के दिन कन्याओं को अपने घर पूजन के लिए आमंत्रित करें. इनकी आयु 2 वर्ष से 10 वर्ष के बीच हो सकती है. जब कन्याएं आपके घर आएं तो उनका स्वागत फूल-मालाओं से करें.
  • इसके बाद कन्याओं को बैठने के लिए आसन दें. फिर कन्याओं के पैर जल से धोएं. चावल, फूल, रोली आदि से उनकी पूजा करें. उनके सिर पर लाल रंग की चुनरी रखें. इसके बाद कन्याओं को भोजन में पूड़ी, हलवा, काले चने, खीर, नारियल, फल आदि खिलाएं. जब वे खा लें तो उन्हें पानी पिलाएं.
  • इसके बाद उन्हें अपनी क्षमता के अनुसार उपहार और दक्षिणा दें. उनके पैर छूकर उनका आशीर्वाद लें. इसके बाद उन्हें अगले साल फिर आने का निमंत्रण देकर विदा करें.

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