Malpua Recipe, Navratri 2024:  नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्माण्डा को भोग लगाएं मालपूएं, आशीर्वाद से होंगे शारीरिक कष्ट दूर

नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्माण्डा को मालपुए का भोग लगाना शुभ माना जाता है. इससे शारीरिक कष्ट दूर होते हैं और सेहत में सुधार होता है। जानें मालपुए बनाने की सरल विधि.

By Pratishtha Pawar | October 6, 2024 7:00 AM

Malpua Recipe, Navratri 2024: नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्माण्डा की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है. मां दुर्गा के इस स्वरूप को सृष्टि की रचयिता माना जाता है. इस दिन श्रद्धालु मां को मालपुए का भोग लगाकर उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं, जिससे शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिलती है और सेहत में सुधार होता है. मालपुए न सिर्फ स्वाद में लाजवाब होते हैं, बल्कि धार्मिक दृष्टिकोण से भी इनका विशेष महत्व है. आइए जानते हैं क्यों मालपुए (Malpua) का भोग लगाना महत्वपूर्ण है और इसकी सरल रेसिपी.

मालपुए (Malpua)का भोग क्यों लगाते हैं?

Malpua recipe, navratri 2024:  नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्माण्डा को भोग लगाएं मालपूएं, आशीर्वाद से होंगे शारीरिक कष्ट दूर

मालपुए(Malpua) शुद्ध घी और दूध से बनते हैं, जो भारतीय संस्कृति में समृद्धि और पवित्रता का प्रतीक माने जाते हैं. मां कूष्माण्डा, जो स्वास्थ्य और ऊर्जा की देवी हैं, इन्हें मालपुए अर्पित करने से मनुष्य के शारीरिक कष्ट दूर होते हैं. मान्यता है कि इस भोग से मां प्रसन्न होकर अपने भक्तों को आरोग्य का आशीर्वाद देती हैं और जीवन में समृद्धि लाती हैं.

Malpua Recipe: मालपुए बनाने की विधि

Malpua recipe, navratri 2024:  नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्माण्डा को भोग लगाएं मालपूएं, आशीर्वाद से होंगे शारीरिक कष्ट दूर

आवश्यक सामग्री

  •  1 कप मैदा
  •  1/2 कप सूजी
  •  1/2 कप दूध
  •  2 चम्मच सौंफ
  •  23 इलायची
  •  1 कप चीनी
  •  1 कप पानी (चाशनी के लिए)
  •  शुद्ध घी (तलने के लिए)

Malpua Recipe:विधि

Malpua recipe, navratri 2024:  नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्माण्डा को भोग लगाएं मालपूएं, आशीर्वाद से होंगे शारीरिक कष्ट दूर

1. सबसे पहले मैदा, सूजी, सौंफ और इलायची को मिलाकर उसमें दूध डालें और एक घोल तैयार करें. इस घोल को 10-15 मिनट के लिए ढककर रख दें.

2. दूसरी तरफ, एक पैन में चीनी और पानी मिलाकर मध्यम आंच पर चाशनी तैयार करें. चाशनी एक तार की होनी चाहिए.

3. अब एक कढ़ाई में शुद्ध घी गरम करें और तैयार घोल से छोटेछोटे मालपुए डालकर दोनों तरफ से सुनहरे होने तक तलें.

4. तले हुए मालपुओं को गरम चाशनी में डालें और 2-3 मिनट तक डूबोएं ताकि चाशनी अच्छी तरह से उनमें समा जाए.

5. मालपुए (Malpua) तैयार हैं. इन्हें मां कूष्माण्डा को भोग लगाएं और बाद में प्रसाद के रूप में वितरण करें.

मां कूष्माण्डा को मालपुए अर्पित करने से न केवल भक्तों को शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिलती है, बल्कि मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा भी प्राप्त होती है. मां के आशीर्वाद से भक्तों का स्वास्थ्य सुधरता है और जीवन में खुशहाली आती है.

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