NDRF स्थापना दिवस : जानें उन आपदाओं के बारे में जब एनडीआरएफ ने हमें बचाया
NDRF Foundation Day 2022: भारत देश के किसी भी जगह पर प्राकृतिक आपदा आती है तो NDRF की टीम वहां पर मौजूद लोगो की सहायता करने के लिए सबसे पहले पहुँच जाती है. आज एनडीआरएफ (NDRF) का स्थापना दिवस मनाया जा रहा है.
अक्सर लोगो के मन में एनडीआरएफ (NDRF) को लेकर सवाल रहता है कि NDRF क्या होता है और क्या काम करती है, एनडीआरएफ (NDRF Full Form) क्या है. क्योंकि ज्यादातर लोगो में इसका नाम सुन रखा होता है लेकिन उनको इसके बारे में अधिक जानकारी नहीं होती. अधिकतर एनडीआरएफ ( (NDRF) से जुडी खबरे न्यूज़ चैनलो और अखबारों में देखने और सुनने को मिल जाती है. जब कभी भी भारत देश के किसी भी जगह पर प्राकृतिक आपदा आती है तो एनडीआरएफ (NDRF) की टीम वहां पर मौजूद लोगो की सहायता करने के लिए सबसे पहले पहुँच जाती है.
16 जून 2013 को केदारनाथ में भारी बारिश और बाढ़ ने भयंकर आपदा पैदा की. इस आपदा में 4,400 से अधिक लोग मारे गए या लापता हो गए. आपदा से पहले गौरीकुंड से केदारनाथ जाने वाला पैदल मार्ग रामबाड़ा और गरुड़चट्टी से होकर गुजरता था, लेकिन मंदाकिनी नदी के उफनती लहरों ने रामबाड़ा का अस्तित्व ही खत्म कर दिया और इसी के साथ यह रास्ता भी तबाही की भेंट चढ़ गया. NDRF ने इस त्रासदी में बड़ा राहत अभियान चलाया और केदारनाथ यात्रा के कई यात्रियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया.
साल 2014 में आया हुदहुद तूफान भी एक बड़ी आपदा था. विशाखापत्तनम के तट से टकराए इस तूफान ने दक्षिण भारत में बड़ी तबाही मचाई थी. तूफान के लिए अलर्ट जारी करने के साथ ही NDRF की 44 टीमें बंदरगाह शहर और अन्य प्रभावित क्षेत्रों में तैनात थी. इनमें 2000 से ज्यादा बचाव कर्मी और 220 से अधिक नौकाएं शामिल रही थीं.
सितम्बर 2014 में, मूसलाधार मानसूनी वर्षा के कारण तबके जम्मू और कश्मीर में भयंकर बाढ़ आई थी. इस बाढ़ का असर इतना भयानक था कि राज्य के 450 गांव पूरी तरह इसकी चपेट में शुरुआत में ही आ गए थे. सेना और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल (NDRF) के द्वारा 14 सितंबर भारतीय सेना और NDRF ने 1,84,000 से भी ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया था. इस दौरान NDRF ने पीड़ित लोगों तक टेंट, खाद्य पदार्थ और पेयजल भी पहंचाए थे.
साल 2015 के अप्रैल में भारत का पड़ोसी देश नेपाल पर भूकंप की भयंकर आपदा की मार पड़ी. यह त्रासदी इतनी भयानक था कि यह पर्वतीय देश कुछ सेकेंड में खंडहर जैसा नजर आने लगा. कई ऐतिहासिक इमारतों को तो नुकसान पहुंचा ही साथ ही कई लोग इनके मलबों के नीचे दब गए. इसके बाद NDRF ने ऑपरेशन मैत्री के तहत बड़ा राहत अभियान चलाया. बल के लोगों ने कई पीड़ितों को मलबों के नीचे से जीवित बरामद किया तो कई लोगों को राहत स्थलों तक पहुंचाया.
साल 2015 में दक्षिण भारत भयंकर बाढ़ आपदा का गवाह बना था. यहां नवंबर-दिसंबर में उत्तर-पूर्वी मॉनसून के कारण आई थी. इसने तमिल नाडु, आंध्र प्रदेश और पुदुच्चेरी को प्रभावित किया. इस बाढ़ ने चेन्नई शहर को विशेष रूप से प्रभावित किया. इस बाढ़ के कारण लगभग 300 लोग मारे गए, 18 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए. तमिलनाडु में एनडीआरएफ का किसी भी बाढ़ में सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन रहा. एनडीआरएफ दलों ने 16,000 लोगों को राज्य में सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया.
जब भी आप बाढ़, बारिश या दूसरी किसी आपदा की खबर सुनते होंगे वहां राहत बचाव के काम में NDRF की टीम सबसे पहले तैनात होती है. ऐसे में जानते हैं NDRF के बारे में बड़ी बातें-
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देश की किसी भी आपदा से निपटने के लिए इस फोर्स NDRF का गठन 2006 में किया गया था
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NDRF 12 बटालियनों में प्रत्येक में 1,149 कर्मी हैं और सभी प्रकार की आपदाओं से निपटने में सबसे आगे हैं. हर बटालियन में 45 जवान समेत 18 स्पेशलिस्ट की टीम है
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फोर्स के पास कई आपदाओं से निपटने के लिए इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के 310 तरह के इंस्ट्रूमेंट्स हैं
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अपनी स्थापना से लेकर इस साल जून तक NDRF ने 2,095 अभियान चलाए हैं, जिनमें आपदाओं में घिरे 1,14,492 लोगों की जानें बचाई है.
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अपनी स्थापना से लेकर इस साल जून तक NDRF ने 2,095 अभियान चलाए हैं
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अपनी स्थापना से लेकर इस साल जून तक NDRF ने 2,095 अभियान चलाए हैं