New Year 2025: भारत में एक साल में कई बार मनाया जाता है नया साल, जानें

New Year 2025: भारत कई धर्मों का संगम है. इस वजह से ईसाई नववर्ष के अलावा 5 और नववर्ष भी मनाए जाते हैं.

By Shashank Baranwal | December 17, 2024 5:15 PM

New Year 2025: साल 2024 की विदाई का समय नजदीक आ गया है. महज चंद दिनों में नए साल का आगमन होने वाला है. एक बार फिर से लोग नए सपने और नए लक्ष्य को पूरा करने की उम्मीदों के साथ नए साल में प्रवेश करने वाले हैं. ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक हर साल 1 जनवरी को नया साल मनाया जाता है. इसे ईसाई नववर्ष के नाम से भी जानते हैं. लेकिन भारत जैसे विविधता वाले देश में नया साल सिर्फ एक बार नहीं मनाया जाता है. भारत कई धर्मों का संगम है. इस वजह से ईसाई नववर्ष के अलावा 5 और नववर्ष भी मनाए जाते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि किस धर्म का नया साल कब होता है.

Also Read: Happy New Year 2025: Patna में नये साल के स्वागत की तैयारी शुरू, जानें क्या-क्या नया होगा इस बार

हिंदू नववर्ष (Hindu New Year)

सनातन धर्म यानी हिंदू धर्म में हर साल चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से हिंदू नववर्ष की आरंभ होता है. धार्मिक मान्यता के मुताबिक ब्रह्मा जी ने इसी दिन सृष्टि की रचना की थी. साथ ही विक्रम संवत की शुरुआत इसी दिन से होती है. यही कारण है कि हिंदू धर्म में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को नववर्ष के रूप में मनाया जाता है. वहीं भारत के अलग-अलग इलाकों में इस दिन को उगादी , गुड़ी पड़वा जैसे कई नामों से जाना जाता है.

पंजाबी नववर्ष

सिख धर्म से ताल्लुक रखने वाले लोग पंजाबी नववर्ष मनाते हैं. यह नानकशाही कैलेंडर पर आधारित है. इसे सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी के नाम पर रखा गया है. इस नववर्ष को सिख धर्म के लोग बैसाखी के नाम से मनाते हैं. ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक बैसाखी हर साल 13 अप्रैल को मनाया जाता है.

पारसी नववर्ष

पारसी नववर्ष आज से करीब 3000 साल पूर्व से मनाया जा रहा है. इस वर्ष को सबसे पहले शाह जमशेदजी ने मनाया था. इसे जमशेदी नवरोज के नाम से भी जाना जाता है. वहीं भारत में रहने वाले पारसी धर्म के लोग इस नववर्ष को शहंशाही कैलेंडर के आधार पर मनाते हैं, इसमें लीप वर्ष नहीं होता है. यह नववर्ष हर साल 2 बार मनाया जाता है. दुनिया भर के पारसी समुदाय के लोग 21 मार्च को और भारत का पारसी समुदाय 16 अगस्त को मनाता है.

जैन नववर्ष

जैन धर्म से ताल्लुक रखने वाले लोग दिपावली के अगले दिन यानी कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को जैन नववर्ष मनाते हैं. जैन धर्म में इस नववर्ष को वीर निर्वाण संवत के नाम से जाना जाता है. मान्यता है कि दिपावली के दिन ही भगवान महावीर को मोक्ष प्राप्त हुआ था.

मुस्लिम नववर्ष

मुस्लिम समुदाय का अलग नववर्ष होता है. इस नववर्ष को हिजरी नववर्ष के नाम से भी जाना जाता है. ज्यादातर मुस्लिम समुदाय का नया साल मुहर्रम महीने के पहले दिन से शुरू होता है.

Next Article

Exit mobile version