ईसाई नव वर्ष- ईसाई धर्म में नया साल 1 जनवरी 15 अक्टूबर 1582 से मनाया जाने लगा. ईसाई कैलेंडर को ग्रेगोरियन कैलेंडर के नाम से जाना जाता है. जूलियस सीजर ने 45 ईसा पूर्व में जूलियन कैलेंडर बनाया था और तब से 1 जनवरी को नए साल के रूप में मनाया जाता है.
पारसी नव वर्ष- पारसी नववर्ष को नवरोज महोत्सव के रूप में जाना और मनाया जाता है. लगभग 3000 साल पहले, शाह जमशेद जी ने त्योहार की शुरुआत की थी और तब से हर साल 19 अगस्त को नवरोज महोत्सव मनाया जाता है.
पंजाबी नव वर्ष- पंजाब में नया साल बैसाखी के त्योहार के रूप में मनाया जाता है, जो अप्रैल में पड़ता है. सिख नानकशाही कैलेंडर के अनुसार होली के एक दिन बाद से नए साल की शुरुआत होती है.
हिन्दू नव वर्ष- हिन्दू धर्म में नववर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रथम तिथि को मनाया जाता है. इसे हिन्दू नव संवत्सर के नाम से भी जाना जाता है. ऐसा माना जाता है कि भगवान ब्रह्मा ने इस दिन प्रकृति का निर्माण किया था और उसी दिन से नया विक्रम संवत शुरू होता है. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह दिन अप्रैल के महीने में आता है.
जैन नव वर्ष- दीवाली के अगले दिन से जैन नववर्ष की शुरुआत होती है. इसे ‘वीर निर्वाण संवत’ के नाम से भी जाना जाता है.