Gender Equality in Kerala: स्कूल और कॉलेजों में शिक्षकों को सर और मैडम कहकर संबोधित किया जाता है. शिक्षिका को मैडम या मैम कहते हैं तो वहीं शिक्षक को सर कहते हैं, पर अब केरल में स्कूलों में सर और मैडम कहने को लेकर बदलाव किया गया है.
केरल चाइल्ड राइट्स पैनल ने निर्देश दिया कि शिक्षकों को ‘सर’ या ‘मैडम’ के रूप में संबोधित करने के लिए ‘टीचर’ शब्द ज्यादा जेंडर न्यूट्रल है. KSCPCR ने अपने आदेश में इस बात का जिक्र किया कि बच्चों को ‘सर’ या ‘मैडम’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने से परहेज करना चाहिए. यहां गौर करने वाली बात ये है कि अगर KSCPCR के निर्देशों का केरल के स्कूलों में पालन कर लिया जाता है, तो जल्द ही हमें बच्चों द्वारा हर शिक्षक को टीचर बुलाते हुए देखा जा सकता है.
राज्य बाल अधिकार आयोग ने यह भी कहा कि सर या मैडम के बजाय “शिक्षक” कहने से सभी स्कूलों के बच्चों के बीच समानता बनाए रखने में मदद मिल सकती है और शिक्षकों के प्रति उनका लगाव भी बढ़ेगा. सूत्रों के अनुसार, शिक्षकों को उनके लिंग के अनुसार ‘सर’ और ‘मैडम’ संबोधित करते हुए भेदभाव को समाप्त करने की मांग करने वाले एक व्यक्ति द्वारा दायर याचिका पर विचार करते हुए निर्देश दिया गया था.
1297 में पहली बार अंग्रेजी भाषा में किसी उपाधि देने के क्रम में सर कहना शुरू किया गया था. यह शब्द व्यक्ति को संबोधित करने का एक विनम्र या सम्मानजनक तरीका, विशेष रूप से अधिकार की स्थिति में के रूप में उपयोग किया जाता है.
मैडम, एक औपचारिक आदरसूचक संबोधन है जो एक महिला को संबोधित करते वक़्त उपयोग किया जाता है. मैडम शब्द का उद्गम 1250 में हुआ था और शुरू में केवल – किसी ओहदा या पदाधिकारी महिला के लिए प्रयोग होता था – जैसे मैडम प्रेसिडेंट. इसका प्रयोग घर की मालकिन के लिए भी किया जाता है. वर्तमान में यह शब्द सभी प्रकार की महिलाओं को औपचारिक रूप से आदर देने के लिए उपयोग किया जाता है.