oil for joint: जोड़ों के दर्द से परेशान हैं, तो लगाएं ये खास तेल, जल्द मिलेगा राहत

oil for joint: बदलते मौसम में ज्यादातर लोग जोड़ों, हड्डियों, मांसपेशियों, घुटनों और गठिया के दर्द से परेशान रहते हैं. कई लोगों को इतना दर्द होता है कि वे खड़े होने, बैठने, चलने और झुकने जैसे दैनिक काम भी नहीं कर पाते. दर्द से बचने के लिए लोग प्राकृतिक उपचार खोजते रहते हैं. ऐसे में […]

By Bimla Kumari | August 27, 2024 5:05 PM

oil for joint: बदलते मौसम में ज्यादातर लोग जोड़ों, हड्डियों, मांसपेशियों, घुटनों और गठिया के दर्द से परेशान रहते हैं. कई लोगों को इतना दर्द होता है कि वे खड़े होने, बैठने, चलने और झुकने जैसे दैनिक काम भी नहीं कर पाते. दर्द से बचने के लिए लोग प्राकृतिक उपचार खोजते रहते हैं. ऐसे में नाभि में तिल का तेल लगाने से आप जोड़ों के दर्द से काफी हद तक राहत पा सकते हैं.

बढ़ती उम्र के साथ हड्डियों के घनत्व में कमी के कारण जोड़ कमजोर हो जाते हैं. इसके अलावा गलत बॉडी पॉश्चर, शारीरिक गतिविधियों की कमी और गठिया, ऑस्टियोपोरोसिस आदि जैसी मेडिकल कंडीशन के कारण भी जोड़ों में दर्द और सूजन जैसी समस्याएं होती हैं. जोड़ों का दर्द जीवनशैली को प्रभावित करता है, जिससे आप बुनियादी गतिविधियों के लिए भी दूसरों पर निर्भर हो जाते हैं. ऐसे में जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने के लिए नाभि थेरेपी सबसे आसान और कारगर उपाय है, जिससे आप दर्द मुक्त होकर अपना जीवन जी सकते हैं.

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जोड़ों के दर्द के लिए तिल का तेल

नाभि पर तेल से मालिश करने की एक शक्तिशाली सदियों पुरानी विधि है, जो शरीर को डिटॉक्सीफाई करती है और कई बीमारियों को ठीक करती है. आयुर्वेद के अनुसार, नाभि शरीर की चेतना का केंद्र है, जहां बहुत सारी ऊर्जा संग्रहित होती है. नाभि 72 हज़ार नसों के माध्यम से शरीर के लगभग हर अंग से जुड़ी होती है, इस प्रकार नाभि की मालिश करने से तंत्रिका अंत उत्तेजित होते हैं. इससे आपको कई तरह के स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं. तंत्रिका अंत आपके शरीर की सतह पर और अंदर लाखों बिंदु होते हैं जो गर्मी, सर्दी और दर्द जैसी संवेदनाओं को महसूस करने पर मस्तिष्क को संदेश भेजते हैं.

कहां लगाएं तिल का तेल

तिल को इसके पौष्टिक गुणों के कारण “तिलहनों की रानी” कहा जाता है. आयुर्वेद में तिल के तेल का हमेशा से ही महत्वपूर्ण स्थान रहा है. तिल के तेल का सबसे ज़्यादा इस्तेमाल खाने, मालिश करने और नाभि पर लगाने के लिए किया जाता है. शक्तिशाली एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर, तिल का तेल शरीर में सूजन को कम करने में मदद करता है और फ्री रेडिकल्स के कारण होने वाले ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करता है.

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जोड़ों के दर्द से जुड़ी समस्याओं से राहत

तिल के तेल में सूजन-रोधी गुण होते हैं. इस तेल से नाभि की मालिश करने से जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द से राहत मिलती है. इसके अलावा तिल के तेल के इस्तेमाल से ऑस्टियोआर्थराइटिस में भी आराम मिलता है. यह जोड़ों के दर्द का एक आम कारण है, जिससे दुनिया की काफी आबादी प्रभावित है. इसके अलावा नाभि पर तिल का तेल लगाने से शरीर का बढ़ा हुआ वातदोष शांत होता है. इससे मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द से जुड़ी समस्याएं काफी हद तक कम हो जाती हैं.

  • नाभि में तिल के तेल का इस्तेमाल कैसे करें

सिर्फ 2-3 बूंद तिल का तेल लें और नाभि पर हल्की मालिश करें.
हमेशा ध्यान रखें कि नाभि को ज्यादा जोर से न दबाएं.

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