सूर्यपूत्र शनिदेव को न्याय का देवता माना गया है. करीब 148 साल बाद शनि जयंती पर सूर्य ग्रहण लगने वाला है. 10 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण, वृषभ राशि और मृगशिरा नक्षत्र में लगेगा. हालांकि, भारत में इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा. ऐसे में विशेष सावधानियां बरतनी की जरूरत नहीं है. बावजूद इसके कुछ कार्य शनिदेव को क्रोधित कर सकते हैं. आइये जानते हैं इस दिन क्या करें क्या नहीं…
दरअसल, धार्मिक मामले के जानकार पंडितों की मानें तो सूर्य ग्रहण के दौरान भगवान की आराधना जरूर करनी चाहिए. साथ ही साथ घर में पड़ी खाद्य सामग्री में कुशा या तुलसी पत्ते डाल देने चाहिए. यह दिन श्राद्ध, तर्पण व पिंडदान के लिए बेहतर है. इस दिन जरूरतमंदों और निर्धनों के बीच राशन वितरित करें, पौधे लगाएं, हनुमान चालीसा का पाठ करें.
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शनि जयंती शुभ मुहूर्त आरंभ: 9 जून की देर रात्रि, 2 बजकर 25 मिनट से
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शनि जयंती शुभ मुहूर्त समाप्त: 10 जून की सुबह 4 बजकर 24 मिनट तक
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सूर्य ग्रहण समय आरंभ: 10 जून, गुरुवार की दोपहर 1 बजकर 42 मिनट से
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सूर्य ग्रहण समय आरंभ: 10 जून, गुरुवार की शाम 6 बजकर 41 मिनट तक
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किसी का दिल दुखाने से परहेज करें, दूसरे का बुराई करने से बचें
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शराब पीने या जुआ सट्टा खेलने की आदत है तो शनि जयंती पर छोड़ दें
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झूठी गवाही देने से बचें
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ब्याज पर पैसे न लगाएं
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स्त्री के सम्मान को ठेस पहुंचाने से बचें
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बुजुर्गों का अपमान करने की भूल ना करें.
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भगवान भैरव को कच्चे दूध अर्पित करें.
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संभव हो तो कौवे को रोटी खिलाएं.
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गरीब-जरूरतमंदों की सेवा करें,
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हनुमान चालीसा का पाठ करें. मंदिर में इस चालीसा को दान भी करें.
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शनिदेव की वस्तुएं जैसे सरसों तेल, काली गाय, काले जूते, लोहा, उड़द दाल, काले कंबल इत्यादि का दान करें.
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शनि मंत्रों का जाप करें
ॐ शं शनैश्चराय नम:।
ॐ निलांजन समाभासम रविपुत्रम यमाग्रजंम।
छायामार्तंड संभूतम तमः नमामि शनेश्चरम।
Posted By: Sumit Kumar Verma