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पंडित मदन मोहन मालवीय की जयंती आज, उनके जीवन और योगदानों से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें, यहां पढ़ें

Pandit Madan Mohan Malaviya birth anniversary: पंडित मदन मोहन मालवीय एक प्रसिद्ध भारतीय विद्वान, शैक्षिक सुधारक और राजनीतिज्ञ थे, जिन्हें भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में उनकी प्रमुख भूमिका के लिए जाना जाता है. इनकी जन्म 25 दिसंबर को इलाहाबाद में हुआ था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 25, 2022 12:53 PM

Pandit Madan Mohan Malaviya birth anniversary: पंडित मदन मोहन मालवीय का जन्म 25 दिसंबर, 1861 को इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश में हुआ था. उन्हें भारत की शिक्षा प्रणाली में उनके योगदान और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में उनकी भूमिका के लिए जाना जाता है. उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और 1916 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) की स्थापना की. पंडित मदन मोहन मालवीय भारत में स्काउट और गाइड के संस्थापकों में से एक थे. 2014 में, पंडित मालवीय को मरणोपरांत देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. मदन मोहन मालवीय के जन्म दिवस पर जानें उनके जीवन से जुड़ी प्रमुख बातें और उनके योगदानों के बारे में.

मदन मोहन मालवीय के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें जानें

  • मदन मोहन मालवीय का जन्म 25 दिसम्बर, 1861 को इलाहाबाद में हुआ था.

  • वे एक प्रसिद्ध भारतीय विद्वान, शैक्षिक सुधारक और राजनीतिज्ञ थे, जिन्हें भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में उनकी प्रमुख भूमिका के लिए जाना जाता है.

  • महात्मा गांधी उन्हें बड़े भाई के रूप में मानते थे. उन्हीं के द्वारा मालवीय को ‘महामना’ की उपाधि दी गई थी.

  • अपने शुरुआती दिनों में एक शिक्षक के रूप में काम करने के बाद, मालवीय राजनीति की ओर आकर्षित हुए और 1886 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) में शामिल हो गए.

  • बाद में, वे रैंकों में ऊपर उठे और 1909, 1913, 1919 और 1932 में चार बार INC अध्यक्ष के रूप में नियुक्त हुए.

  • सबसे प्रसिद्ध नारों में से एक, ‘सत्यमेव जयते’ पंडित मालवीय द्वारा 1918 के सत्र में कहा गया था जब वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष थे.

  • वह हिंदू महासभा के शुरुआती नेताओं में से एक थे और उन्होंने 1906 में इसकी स्थापना में प्रमुख भूमिका निभाई थी.

  • वह एक समाज सुधारक और एक सफल विधायक भी थे, जिन्होंने 1909 से 1920 तक 11 वर्षों तक इम्पीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल के सदस्य के रूप में कार्य किया.

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पंडित मालवीय को उनके योगदान के लिए जाना जाता है

  • पंडित माजवील 1924 से 1946 तक हिंदुस्तान टाइम्स के अध्यक्ष रहे और उन्होंने कई हिंदी और अंग्रेजी समाचार पत्रों की भी स्थापना की, जिनके नाम हैं: द लीडर, हिंदुस्तान दैनिक, मर्यादा आदि.

  • अपने राजनीतिक जीवन के अलावा, मालवीय ने स्वतंत्रता संग्राम में भी प्रमुख भूमिका निभाई और ब्रिटिश शासन के खिलाफ कई आंदोलनों में भाग लिया.

  • वह महात्मा गांधी के नमक सत्याग्रह और सविनय अवज्ञा आंदोलन का हिस्सा थे.

  • आधुनिक शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में अपनी भूमिका पर बात करते हुए, वह 1916 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के सह-संस्थापक रहे थे, जो एशिया का सबसे बड़ा आवासीय विश्वविद्यालय है और दुनिया भर में विभिन्न धाराओं के छात्रों के साथ दुनिया के सबसे बड़े विश्वविद्यालयों में से एक है.

  • पंडित मदन मोहन मालवीय को मरणोपरांत 30 मार्च, 2015 को प्रतिष्ठित भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया, जिसके बाद उनके सम्मान में वाराणसी-नई दिल्ली महामना एक्सप्रेस भी शुरू की गई.

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