Pandit Ram Prasad Bismil Jayanti 2023 Quotes: सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है’ ये ऐसी पंक्ति है जो सुनते ही बिस्मिल का चेहरा याद आ जाता है. कई लोगों का मानना है कि ये ग़ज़ल खुद राम प्रसाद बिस्मिल ने लिखी थी लेकिन ये सच नहीं है. दरअसल इसके असली रचयिता रामप्रसाद बिस्मिल नहीं बल्कि बिस्मिल अज़ीमाबादी हैं. हालांकि बिस्मिल ने इस ग़ज़ल को इतना गाया कि यह उनके नाम से प्रसिद्ध हो गई.
कल के ही दिन यानी 11 जून 1897 में उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में क्रांतिकारी रामप्रसाद बिस्मिल का जन्म हुआ था. ये भारत मां के वो सच्चे सपूत थे जिन्होंने ऐतिहासिक काकोरी कांड को अपने साथियों के साथ मिलकर अंजाम दिया. हालांकि बाद में बिस्मिल को गिरफ्तार कर लिया गया और 19 दिसंबर, 1927 को उन्हें गोरखपुर की जेल में फांसी पर चढ़ा दिया गया. हंसते-हंसते फांसी के फंदे पर झूलने वाले बिस्मिल के विचार भी उनकी तरह क्रांतिकारी थे, जिन्हें आप उनकी जयंती के इस खास अवसर पर अपनों संग शेयर करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं.
हम अमन चाहते हैं जुल्म के खिलाफ,
फैसला अगर जंग से होगा तो जंग ही ही.
राम प्रसाद बिस्मिल
दुनिया से गुलामी का मैं नाम मिटा दूंगा,
एक बार जमाने को मैं आजाद बना दूंगा,
बेचारे गरीबों से नफरत है जिन्हें,
एक दिन मैं उनकी अमीरी को मिटटी में मिला दूंगा .
राम प्रसाद बिस्मिल
अज्ञान की निशा में, दुख से भरी दिशा में,
संसार के हृदय में तेरी प्रभा उदय हो.”
राम प्रसाद बिस्मिल
मादरे-हिन्द गमगीन न हो अच्छे दिन आने वाले हैं,
आज़ादी का पैगाम तुझे हम जल्द सुनाने वाले हैं.
हिन्दू औ’ मुसलमाँ मिलकर के जो चाहें सो कर सकते हैं,
अय चर्खे-कुहन हुशियार हो तू पुरजोर हमारे नाले हैं.
राम प्रसाद बिस्मिल
नौजवानो! यही मौका है उठो खुल खेलो,
खिदमते-कौम में जो आये वला सब झेलो,
देश के वास्ते सब अपनी जबानी दे दो,
फिर मिलेंगी न ये माता की दुआएँ ले लो,
देखें कौन आता है ये फ़र्ज़ बजा लाने को?
राम प्रसाद बिस्मिल
सितम ऐसा नहीं देखा, जफ़ा ऐसी नहीं देखी,
वो चुप रहने को कहते हैं, जो हम फ़रियाद करते हैं.
राम प्रसाद बिस्मिल