आज के दौर में मोबाइल, लैपटॉप व टैब हमारे दैनिक जीवन का अहम हिस्सा बन चुके हैं. बच्चों में डिवाइस के इस्तेमाल को लेकर संतुलन बनाना बहुत जरूरी है, क्योंकि अत्यधिक स्क्रीन टाइम बच्चों के शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास पर हानिकारक प्रभाव डाल सकता है.
जानें उम्र व स्क्रीन टाइम को लेकर जारी गाइडलाइन
इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (भारतीय बाल रोग अकादमी) ने बच्चों के लिए स्क्रीन टाइम को लेकर दिशा-निर्देश जारी किये हैं, जिसके अनुसार 2 साल से कम उम्र के बच्चों को किसी भी स्क्रीन के सामने नहीं रखना चाहिए. हां, रिश्तेदारों के साथ कभी-कभार वीडियो कॉल करने में इन बच्चों को दिखा सकते हैं. वहीं 2 से 5 साल की उम्र के बच्चों के लिए स्क्रीन टाइम को एक घंटे तक सीमित रखना चाहिए. 6 साल और उससे अधिक उम्र के बच्चों के लिए, स्क्रीन टाइम पढ़ाई की जरूरत के अनुसार तय करना चाहिए. ऐसे बच्चों को भी ब्रेक ले लेकर स्क्रीन देखना चाहिए. लगातार घंटों तक स्क्रीन के सामने बैठना आंख, मस्तिष्क पर जोर देने के साथ सेहत को अन्य नुकसान भी पहुंचा सकता है.
स्क्रीन टाइम पर नियंत्रण के लिए अपनाएं ये तरीके
- बच्चा जब ऑनलाइन पढ़ाई करे, तो उसे लगातार स्क्रीन पर नजरें टिकाये रखने की बजाय किताबों पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दें. वे ऑनलाइन क्लास में टीचर की आवाज व उनके द्वारा दिये जा रहे इंस्ट्रक्शन को फॉलो करें.
- पढ़ाई के अलावा बच्चों को मोबाइल देखने से रोकें. उनके मनोरंजन के लिए अन्य विकल्पों का चयन करें. उन्हें किताबें पढ़ने के लिए प्रेरित करें, उनकी ड्राइंग स्किल्स को बढ़ावा दें.
- घर में स्क्रीन फ्री जोन बनाएं, यानी सोने के कमरे व भोजन क्षेत्र में टीवी व फोन ले जाने को लेकर नियम बनाएं. बच्चों को सख्ती से इन नियमों का पालन करने के लिए कहें.
- स्क्रीन टाइम को शारीरिक गतिविधि के साथ संतुलित करें. बच्चों को कम से कम एक घंटे व्यायाम करने या आउटडोर गेम खेलने की सलाह दें.
- इस बात पर भी ध्यान दें कि बच्चे स्क्रीन पर किस तरह की सामग्री दे रहे हैं. बेहतर होगा कि आप मोबाइल में बच्चों वाले चैनल ही रखें.