Parenting Tips: बच्चों की तुलना दूसरों से न करें, जानें इसके नुकसान और सही तरीका

हर बच्चा खास होता है. उसकी तुलना करने के बजाय उसकी खूबियों को पहचानें और उसे प्रोत्साहित करें. जानें कैसे करें बच्चों का सही मार्गदर्शन.

By Pratishtha Pawar | November 23, 2024 11:53 PM

Parenting Tips: बचपन में बच्चों का विकास केवल शारीरिक ही नहीं, बल्कि मानसिक और भावनात्मक भी होता है. माता-पिता अक्सर बच्चों को प्रेरित करने के लिए उनकी तुलना दूसरे बच्चों से करते हैं. यह सोच कि तुलना से बच्चा बेहतर प्रदर्शन करेगा, गलत हो सकती है. बच्चों की तुलना करने से उनकी आत्मविश्वास में कमी आ सकती है और उनके व्यक्तित्व पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.

Parenting Tips: तुलना क्यों है हानिकारक?

Parenting tips: बच्चों की तुलना दूसरों से न करें, जानें इसके नुकसान और सही तरीका
  1. आत्मविश्वास की कमी:
    जब बच्चे को बार-बार यह बताया जाए कि वह किसी और से कमतर है, तो यह उसके आत्मविश्वास को कमजोर कर देता है. इससे बच्चा अपनी क्षमताओं को पहचानने में असमर्थ हो सकता है.
  2. तनाव और दबाव:
    तुलना से बच्चे के मन में यह दबाव पैदा होता है कि उसे हर हाल में दूसरों से बेहतर करना है. यह दबाव उसे मानसिक रूप से थका सकता है और उसका ध्यान पढ़ाई या अन्य गतिविधियों से भटका सकता है.
  3. रिश्तों में दूरी
    तुलना बच्चों के माता-पिता के साथ रिश्तों में कड़वाहट ला सकती है. बच्चा यह सोच सकता है कि माता-पिता उसे प्यार नहीं करते या उसकी कदर नहीं करते.
  4. सृजनात्मकता पर प्रभाव:
    हर बच्चा अपनी तरह से खास होता है. तुलना करने से उसकी रचनात्मकता और नई चीजें सीखने की क्षमता प्रभावित हो सकती है.

Also Read: 6 Habits for Mental Health: मेंटल स्ट्रेंथ को बढ़ाने के लिए अपनाएं ये 6 आदतें

Parenting Tips:क्या करें बजाय तुलना के?

Parenting tips: बच्चों की तुलना दूसरों से न करें, जानें इसके नुकसान और सही तरीका
  1. प्रोत्साहन दें:
    बच्चे की कोशिशों की सराहना करें, चाहे उसका परिणाम कैसा भी हो. सकारात्मक शब्द और प्रशंसा उसे बेहतर बनने के लिए प्रेरित करेंगे.
  2. स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दें:
    बच्चे को सिखाएं कि प्रतिस्पर्धा दूसरों से नहीं, बल्कि खुद से करनी चाहिए. वह अपने पिछले प्रदर्शन से बेहतर करने की कोशिश करे.
  3. खासियत को पहचानें:
    हर बच्चे की अपनी एक खासियत होती है. उसे समझें और उसके अनुसार उसे बढ़ावा दें.
  4. संवाद करें:
    बच्चे से खुलकर बात करें. उसकी भावनाओं को समझें और उसे बताएं कि आप हमेशा उसके साथ हैं.
  5. उदाहरण बनें:
    बच्चे के लिए खुद एक रोल मॉडल बनें. अपनी बातें और कार्यों से उसे सिखाएं कि मेहनत और लगन से सब कुछ हासिल किया जा सकता है.

Also Read: 7-7-7 Rule of Parenting: बच्चों की परवरिश में अपनाएं ये 7-7-7 नियम, बच्चों की ग्रोथ में आएगा सकारात्मक बदलाव

Parenting Tips: तुलना के बजाय यह कहें

  • “तुम्हारी मेहनत काबिले तारीफ है.”
  • “तुम्हारा हर प्रयास हमें गर्व महसूस कराता है.”
  • “तुम अपनी क्षमता को पहचानो और बेहतर बनने की कोशिश करो.”

बच्चों की तुलना दूसरों से करना उनके आत्मविश्वास और व्यक्तित्व को नुकसान पहुंचा सकता है. हर बच्चा अद्वितीय है और अपने तरीके से खास है. माता-पिता का यह कर्तव्य है कि वे अपने बच्चों की खूबियों को समझें, उनकी प्रशंसा करें और उन्हें बेहतर इंसान बनने के लिए प्रेरित करें. प्यार और समर्थन से बच्चे जीवन में हर ऊंचाई को छू सकते हैं. इसलिए, तुलना को छोड़कर, सकारात्मकता और प्रेरणा को अपनाएं.

Also Read:Develop Leadership Qualities In Children: बच्चों में लाएं लीडरशिप की क्वालिटी, जानें ये आसान टिप्स

Also Read: Superfoods to Boost Your Immunity: ये खाद्य पदार्थ जो आपके इम्यूनिटी सिस्टम को बढ़ाने में करते हैं मदद

Next Article

Exit mobile version