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Parenting Tips: बच्चों के झूठ बोलने की आदत को न करें अनदेखा, ऐसे सिखाएं सच बोलना सिखाएं

Parenting Tips: कभी-कभी बच्चे डांट और मार से बचने के लिए झूठ बोलते हैं और धीरे-धीरे यह उनकी आदत बन जाती है. आपको यह भी समझना होगा कि अगर आप हर समय गुस्सा करेंगे तो वे झूठ बोलना सीख जाएंगे. इसलिए आपको बच्चों को इतनी जगह देनी चाहिए कि अगर उन्होंने कोई गलती की भी हो तो वे आपसे शेयर करने से न डरें.

Parenting Tips: अगर आपको अचानक पता चले कि आपका बच्चा झूठ बोलता है, तो आप बहुत परेशान हो जाएंगे. ऐसे में उसकी इस आदत से छुटकारा पाने के लिए आप क्या करेंगे? उदाहरण के लिए- राधा ने अपने बेटे अमर से पूछा कि क्या उसने अपना होमवर्क कर लिया है, अमर ने जवाब दिया, “हां मां, मैंने कर लिया है और अब मैं खेलने जा रहा हूं.” अमर के जाने के बाद राधा ने उसकी कॉपी देखी और पाया कि उसने अपना होमवर्क नहीं किया था. यह पहली बार नहीं था जब अमर ने झूठ बोला हो. वह अक्सर पूरे आत्मविश्वास के साथ कई तरह के झूठ बोलता है, जिससे राधा काफी परेशान हो जाती है. कई बार माता-पिता राधा जैसे बच्चों की झूठ बोलने की आदत को अनदेखा कर देते हैं, लेकिन बच्चे अक्सर इन छोटे झूठों से ही बड़ा झूठ बोलना सीख जाते हैं. इसलिए आपको इस झूठ को उनकी आदत का हिस्सा बनने से पहले ही रोकना होगा.

खुला माहौल


बच्चे अपने प्रियजनों से प्यार पाने के लिए और कई बार किसी काम से बचने के लिए झूठ बोलते हैं. आपके लिए यह जरूरी है कि उनके झूठ को बढ़ावा न मिले. आपको बच्चों को यह भरोसा दिलाना चाहिए कि उन्हें बिना शर्त प्यार किया जाता है. साथ ही, आपको उनसे संवाद करना चाहिए और उन्हें अपनी भावनाओं और विचारों को साझा करने के लिए एक खुला माहौल देना चाहिए.

कभी-कभी बच्चे डांट और मार से बचने के लिए झूठ बोलते हैं और धीरे-धीरे यह उनकी आदत बन जाती है. आपको यह भी समझना होगा कि अगर आप हर समय गुस्सा करेंगे तो वे झूठ बोलना सीख जाएंगे. इसलिए आपको बच्चों को इतनी जगह देनी चाहिए कि अगर उन्होंने कोई गलती की भी हो तो वे आपसे शेयर करने से न डरें. साथ ही, जब वे खुद आपको अपनी गलती बताएं तो उन्हें डांटने या सजा देने के बजाय प्यार से समझाएं.

उन्हें नुकसान भी बताएं


अगर वे कोई गलती करते हैं तो उन्हें बताएं कि वे डरें नहीं और अपनी गलती से सीखने की कोशिश करें. साथ ही, आपको उन्हें बताना चाहिए कि झूठ बोलने के क्या नुकसान हैं. इसके लिए आप उन्हें पंचतंत्र या दूसरी कहानियां सुना सकते हैं. अगर बच्चा लगातार झूठ बोल रहा है तो आप प्यार के साथ-साथ थोड़ी सख्ती भी दिखा सकते हैं.

आपको सच बोलना चाहिए


अगर घर पर कोई बिन बुलाया मेहमान आ जाए या कोई बुला ले तो घर के बड़े-बुजुर्ग कहते हैं, ‘बेटा, उनसे कहो कि पापा या मम्मी घर पर नहीं हैं.’ यहीं से बच्चे झूठ बोलना शुरू कर देते हैं. उन्हें लगता है कि अगर बड़े ऐसा कर सकते हैं तो हम क्यों नहीं कर सकते? इसलिए बच्चों के सामने झूठ न बोलें और न ही उन्हें झूठ बोलने के लिए प्रोत्साहित करें.

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उन्हें झूठा न कहें


बाल मनोवैज्ञानिक रुचि अग्रवाल कहती हैं कि बच्चे ध्यान आकर्षित करने, किसी बात से बचने या अपनी बात मनवाने के लिए झूठ बोलते हैं. इसके अलावा वे कार्टून और टीवी शो से भी झूठ बोलना सीखते हैं. इसलिए वे क्या देख रहे हैं, इस पर ध्यान दें. आपको बच्चे की झूठ बोलने की आदत को कभी भी नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए. उसे प्यार से और बिना डांटे झूठ बोलने का कारण पूछें, बिल्कुल भी मजबूर न करें और उसे समय दें. इसके अलावा सबसे ज़रूरी है कि आप उसकी इस आदत को सुधारने के लिए उसे कभी भी कोई लेबल न दें, जैसे ‘तुम हमेशा झूठ बोलते हो’ या ‘तुम झूठे हो’. इस तरह के लेबल बच्चे के आत्मविश्वास को ठेस पहुंचाते हैं, जिसकी वजह से वह जिद्दी हो जाता है और झूठ पर झूठ बोलने लगता है.

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