वो कहते है ना एक मां के लिए उसका बेटा लाडला होता है, तो वहीं एक पिता के लिए उसकी बेटी लाडली होती है. पिता-पुत्री का रिश्ता बहुत ही खास होता है. कहा जाता है कि एक बेटी के लिए उसका पहला प्यार उसके पिता ही होते हैं. बेटी पिता के प्रति क्या भावना रखती है ये पिता के व्यवहार पर निर्भर करता है.
पिता को नहीं कहनी चाहिए ये 5 बातें
अगर पिता चाहते हैं कि उनकी बेटी निडर हो तो उसके साथ वैसा ही व्यवहार करना चाहिए और अगर चाहिए कि बेटी सीधी- सादी गृहणी बने तो उसके साथ वैसा ही व्यवहार करना चाहिए. हालांकि आज के समय में कोई पिता यह नहीं चाहेगा कि उसकी बेटी दबी, सहमी व्यक्तित्व की हो. ऐसे में कुछ बातें हैं जिसका ख्याल एक पिता को रखना चाहिए. कुछ बातें है जो एक पिता को कभी भी नहीं कहनी चाहिए. आइए जानते हैं क्या हो वो बातें.
लड़को से बात मत करो
ये ध्यान में रखें कि आप अपनी बेटी से ये बात ना कहें. भई जमाना बदल चुका है, शायद आपके जमाने में लड़का- लड़की दोस्त नहीं होते होंगे, लेकिन अब जमाना बदल चुका है. लड़का लड़की दोस्त होना कोई गलत बात तो नहीं है. आप अपनी बेटी से ये बात कहते हैं तो उसका आत्मविश्वास कमजोर हो जाएगा. इससे वो दूसरे जेंडर के साथ कभी कंफर्टेबल फील नहीं कर पाएगी.
मुझसे बात मत करो! चली जाओ
जब आप पालन-पोषण से अभिभूत महसूस करते हैं तो चाहते हैं कि हर कोई आपको अकेला छोड़ दे, यह आम बात है. हालांकि, स्थिति चाहे जैसी भी हो अपनी बेटी को जबरदस्ती खुद से दूस न करें. इससे उसके मन को चोट पहुंचेगी और दोबारा वो आपके नजदीक आने से हिचकिचाने लगेगी.
लोग क्या कहेंगे
कुछ तो लोग कहेंगे भई लोगो का काम ही है कहना, लो क्या कहेंगे, क्या सोचेंगे इस बात को सोच कर अपनी बेटी पर किसी बात का दबाव न बनाएं. लोगों की सोच अपनी बच्ची पर न थोपे. अगर आप खुद ही उसे यह सोच दे देंगे कि वह लोगों की सोचकर चले तो वह कभी अपनी खुशी को ऊपर नहीं रख पाएगी. ऐसे में एक सपोर्टिव पिता बने और अपनी बेटी का साथ दें. वो जो कर रही है उसमें उसका साथ दें. इससे उसका होंसला बढ़ेगा.
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तुम तो पराई हो
एक पिता को भूल कर भी ये बात किसी भी लहजे में अपनी बेटी से नहीं कहनी चाहिए. ये बातें अगर आप अपनी बेटी से कहते हैं तो उसके मन में अकेलेपन की भावना जागृत होगी. उसे लगेगा कि ये उसका घर नहीं हैं. ऐसे में अपनी बेटी से ये बातें कहने से बचें. आप भले उससे ये कहे कि चाहे वो कही भी जाए ये घर उसका ही है. इससे वो बहुत अच्छा महसूस करेगी और खुद को परिवार से अलग नहीं समझेगी.
जोर से मत हंसो
क्या आप भी ऐसे पिता है जो अपनी बेटी की हर हरकतों पर जरूरत से ज्यादा ध्यान देते हैं. क्या आप भी अपनी बेटी की आवाज, हंसी दबाते हैं. अगर हां तो इस आदत को तुरंत बदल दें. क्योंकि आपकी ये आदत आपकी बेटी को डरपोक बना सकती है और वो बाहर के लोगों का सामना नहीं कर पाएगी. ऐसे में अपनी बेटी को खुली आजादी दें. उसे हंसने बोलने से ना रोकें और हर कदम पर उसका साथ दें.