Parenting Tips: बच्चों का मन चंचलता से भरा हुआ होता है जिसका असर उनके पढ़ाई पर भी पड़ता हैं. वे कुछ देर के लिए पढ़ाई करते हैं फिर किसी दूसरे काम में उनका ध्यान भटक जाता हैं. ऐसे में बच्चों के माता-पिता उनके पढ़ाई को लेकर काफी चिंतित हो जाते हैं. आज हम आपको बताएंगे 8 ऐसे टिप्स जिनकी मदद से आप अपने बच्चों को कम से कम रोजाना 2-3 घंटों तक पढ़ने के लिए मोटिवेट कर सकते हैं.
पढ़ाई के लिए एक टाइम टेबल बनायें
बच्चों के पढ़ाई के लिए एक टाइम टेबल बनायें जिसके अनुसार वो सही समय पर रोजाना पढ़ने बैठ जायें. टाइम टेबल में हर सब्जेक्ट को पढ़ने के लिए एक निर्धारित समय लिखें जिसकी मदद से वो हर सब्जेक्ट को बराबर का समय दें सकें.
पढ़ाई के लिए शांत जगह पर बैठायें
बच्चे जितनी शांत वाली जगह पढ़ाई करेंगे उतना ही उनका पढ़ाई में ध्यान लगा रहेगा. कोशिश करें कि पढ़ाई करनी वाली जगह के आसपास किसी भी तरह का शोर न हो.
बच्चों के टास्क को अलग भागों में बांट लें
अक्सर बच्चें अपने सारे सब्जेक्ट के होमवर्क्स को देख कर घबरा जाते हैं जिस वजह से वो कुछ सब्जेक्ट के होमवर्क्स को बन लेते हैं और कुछ के नहीं. ऐसे में आप उनके टास्क को छोटे-छोटे हिस्सों में डिवाइड कर दें जिस से वो थोड़ी-थोड़ी देर में उसे कंप्लीट कर सकें. ऐसा होने से उनका स्ट्रेस भी कम हो जाएगा और होमवर्क्स भी समय पर कंप्लीट हो जाएंगे.
ऐक्टिव लर्निंग को काम में लायें
बच्चे जब पढ़ाई कर रहें हो तो उन्हें ऐक्टिव लर्निंग टेक्नीक की मदद से पढ़ायें. उन्हें सब्जेक्ट के इम्पॉर्टन्ट पॉइंट्स को याद करने के लिए कहें साथ ही इस टेक्निक की मदद से उन्हें सवाल पूछने के लिए मोटिवेट करें कि अगर उन्हें पढ़ाई से संबंधित कुछ समझ नहीं आ रहा हैं तो वो बेझिझक सवाल करें.
पढ़ाई के बीच बच्चों को ब्रेक दें
अगर बच्चे लगातार 3 या 4 घंटे तक पढ़ाई करते रहेंगे तो उन्हें मेंटली स्ट्रेस या फिर उनका ध्यान भटकने लगेगा ऐसे में ध्यान दें कि पढ़ाई के दौरान उन्हें 5-10 मिनट का ब्रेक मिले जिससे वे थोड़ा रिलैक्स महसूस करें.
खान पान पर ध्यान दें
अगर बच्चों को सही तरीके से पोषण मिलेगा तो उनका स्वास्थ्य स्वस्थ रहेगा और उनका पढ़ाई में भी ध्यान लगा रहेगा. बच्चों को प्रोत्साहन करें कि वो समय समय पर खुद को हाइड्रेटेड रखें और सही मात्रा में पानी पीते रहें. पढ़ाई के पहले उन्हें हल्का फुल्का नाश्ता या स्नैक्स खिला दें जिससे उन्हें पढ़ाई करते वक्त भूख न लगे.
सही समय पर नींद
बच्चों का सोने का समय निर्धारित कर लें ताकि वो सही समय पर सो सकें और उठ सकें. अगर बच्चों की नींद पर्याप्त रूप से पूरी नहीं रहेगी तो उन्हें पढ़ाई करते वक्त नींद आने लग जाएगी.
मेहनत के लिए शाबाशी दें
बच्चे अगर किसी भी तरह के कामों के लिए छोटे या बड़े एफर्ट्स डाल रहें हैं तो उनके इस प्रोग्रेस के लिए उन्हें शाबाशी और प्रोत्साहित करें जिससे उनका आत्मबल बढ़ेगा.