Smart Parenting Tips: जब आपके बच्चे बड़े होते हैं तो वह समय उनके डेवलपमेंट के लिए काफी अहम माना जाता है. खासकर के जब उनकी उम्र 5 साल या फिर उससे कम हो तो ऐसे में इस समय आपको उनका खासतौर पर ख्याल रखना चाहिए. यह वह समय होता है जब आपके बच्चे का भविष्य कैसा होता है यह तय हो जाता है. केवल यहीं नहीं, यहीं वह समय होता है जब उसके सीखने की, व्यवहार की या फिर ओवरऑल वेल बींग का फैसला हो जाता है. जब आपके बच्चे बड़े हो रहे हैं और 5 साल के हो रहे होते हैं तो इसी समय वे मेंटली और इमोशनली तौर पर ग्रो कर रहे होते हैं. ऐसे में अगर आप अपने को कुछ सिखाना चाहते हैं तो यह सबसे सही समय साबित होता है. इस समय सिखाई बातें आपके बच्चों को जीवनभर मार्गदर्शन देने का काम करते हैं. आज हम आपको इन्हीं बातों के बारे में बताने जा रहे हैं. तो चलिए जानते हैं विस्तार से.
बेसिक मैनर और रेस्पेक्ट
अगर आप अपने बच्चों को 5 साल की उम्र से पहले कोई बात सिखाना चाहते हैं तो ऐसे में आपको उन्हें विनम्र और सम्मानजनक बनना सिखाना चाहिए. यह सबसे जरूरी शिक्षाओं में से एक है. जब वे बड़े हो रहे हों तो इस समय आप उन्हें प्लीज, थैंक यू और एक्सक्यूज़ मी जैसी चीजें सिखाना बेहद जरूरी हो जाती हैं क्योंकि यह शिक्षा उनके साथ जीवनभर रह जाती है. यह बातें उसके सोशल स्किल्स को डेवलप करने में काफी मदद करती हैं. अपने बच्चों को दूसरों की इज्जत करना सिखाने से उसमें दया और सहानुभूति की समझ डेवलप होगी.
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दूसरों के साथ चीजें शेयर करना
दूसरों के साथ चीजें शेयर करना एक फंडामेंटल सोशल स्किल है जो आपके बच्चों को दोस्ती करने और सामाजिक स्थितियों को नेविगेट करने में मदद करता है. जब आप अपने बच्चों को उसके खिलौने, चॉकलेट्स और उनकी पसंद की चीजों को शेयर करना सिखाते हैं तो ऐसे में आप उसे सहयोग और उदारता दे रहे होते हैं. शेयर करना सिखाकर आप उसे किसी भी चीज को दूसरे को देने की ख़ुशी महसूस करना सिखा सकते हैं.
भावनाओं को व्यक्त करना
जब आपके बच्चे ग्रोइंग फेज में होते हैं तो यह सबसे सही समय होता है उन्हें उनकी भावनाओं को पहचानना और इन्हें दूसरों के सामने व्यक्त करने की सीख देने का. अपने बच्चों को कुछ शब्द जरूर सिखाएं जिनकी मदद से वे अपनी ख़ुशी, दुख, गुस्से और चिड़चिड़ाहट को दूसरों के साथ व्यक्त कर सकें. कोई भी कदम उठाने से पहले उन्हें अपनी भावनाओं को व्यक्त करना सिखाना ज्यादा जरूरी हो जाता है.
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साफ-सफाई का ख्याल रखना
खुद की और अपने आसपास की सफाई का ख्याल रखना एक ऐसी चीज है जो आपके बच्चों को जब वे छोटे होते हैं तभी से सिखानी जरूरी हो जाती है. अपने बच्चों को भोजन से पहले हाथ धोना, बाथरूम के बाद हाथ धोना और बाहर से खेलकर आने के बाद हाथ धोना सिखाएं. उन्हें अपने दातों को सही तरीके से ब्रश करना, रोज नहाना और खुद को साफ-सुथरा रखना जरूर सिखाएं. यह आदत आपके बच्चे के साथ जीवनभर रहेगा और उसके सेहत को अच्छा रखने में भी मदद करेगा.
प्रॉब्लम सॉल्व करना
जब आप अपने बच्चों को एक छोटी उम्र से ही प्रॉब्लम्स को सॉल्व करना सिखाते हैं तो ऐसे में उनमें क्रिटिकल थिंकिंग स्किल्स डेवलप होते हैं. अपने बच्चों को छोटे-छोटे निर्णय और समस्याओं को खुद सुलझाने के लिए प्रेरित करें. आपको अपने बच्चों को उनके लिए कपड़े चुनने और किस तरह से एक पजल को सॉल्व करना है इन चीजों का फैसला लेने देना काफी फायदेमंद हो सकता है उनके अंदर इस स्किल को डेवलप करने के लिए. जब आप ऐसा करते हैं तो उनके अंदर आत्मविश्वास की भावना जागती है और इसके साथ ही आने वाले जीवन में उन्हें जिस भी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है वे इसके लिए भी तैयार रहते हैं.
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