Parenting Tips: जिस प्रकार ईंट को सांचे में डालकर बनाया जाता है. उसी तरह बच्चों को अच्छे संस्कार और अनुशासन के सांचे में ढाला जाता है. यह काम सिर्फ मां-बाप ही कर सकते हैं. वह बच्चे की परवरिश जिस तरह करते हैं बच्चा उसी तरह बन जाता है. तेजी से बदलती हुई इस दुनिया में पेरेंटिंग टिप्स को भी बदलने की जरूरत हो गई है. बच्चे के शारीरिक विकास के साथ मानसिक विकास भी पेरेंट्स के जिम्मेदारी बन गई है. इसके बावजूद भी कुछ माता-पिता अपने बच्चे के साथ ऐसा व्यवहार करते हैं जो बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है. ऐसे में माता-पिता को इन आदतों में समय रहते सुधार कर लेना चाहिए. आइए जानते हैं कि ये आदतें कौन-सी हैं.
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हद से ज्यादा उम्मीदें
मां-बाप को अपने बच्चों से हद से ज्यादा उम्मीदें नहीं रखनी चाहिए. साथ ही उस पर अपनी उम्मीदें नहीं थोपनी चाहिए. इससे यह होगा कि जब बच्चा उस काम को नहीं कर पाएगा तो उसको खुद से निराशा होगी. वह अपने को नाकाबिल समझने लगेगा और ऐसी सोच उसके मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत ही खतरनाक साबित होगा.
अन्य किसी बच्चे से तुलना करना
माता-पिता को अपने बच्चे की तुलना दूसरों से करने से बचना चाहिए. यह उसके मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है. ऐसी स्थिति में बच्चे के मन में दूसरे के प्रति ईर्ष्या और जलन जैसी दुर्भावनाएं आ जाती है.
उपलब्धियों को सेलिब्रेट न करने पर
कुछ मां-बाप अपने काम के प्रेशर में बच्चे की उपलब्धियों को नजरअंदाज कर देते हैं. बच्चा स्कूल में फर्स्ट आया है. क्रिकेट में मेडल मिला है या कुछ ऐसी चीजें हैं, जिस पर हर बच्चे की ख्वाहिश होती है कि उसके पेरेंट्स उत्सहावर्धन करें. लेकिन जब माता-पिता नहीं करते हैं तो उसके मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है.
हद से ज्यादा रोक-टोक
जब माता-पिता बच्चे पर हद से ज्यादा रोक-टोक करने लगते हैं तो यह बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होता है. इससे बच्चा बड़ा होकर आजादी से कोई फैसला नहीं ले पाता है. वह हर समय दूसरे पर आश्रित रहने लगता है.
इन बातों का भी दें ध्यान
अगर पेरेंट्स बच्चे को आलसी, तू कुछ नहीं कर सकता, तूने काम बिगाड़ दिया या तेरे से कुछ नहीं होगा. ये सब बातें हमेशा बोलते हैं तो इनको बोलना बंद कर दें. यह बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत ही बुरा होता है. इससे बच्चे के आत्मविश्वास में कमी आती है.
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