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Parenting Tips: बच्चों को संस्कारी बनाएंगे, ये पुराने पेरेन्टिंग के तरीके

Parenting Tips: इस लेख में आपको ऐसे कुछ तरीकों के बारे में बतलाया जा रहा है, जो पहले माता-पिता अपने बच्चे को अच्छे संस्कार देने के लिए अपनाते थे, इन टिप्स को फॉलो करके आप भी अपने बच्चे को एक अच्छा इंसान बना सकते हैं.

Parenting Tips: वर्तमान समय में माता-पिता जब अपने बच्चे का ख्याल रखते हैं, तो एक ख्याल ऐसा है जो हमेशा उनके मन में आता है कि आखिर हमारे माता-पिता ने हमारी परवरिश किस प्रकार की होगी? क्या उनके सामने भी इस प्रकार की कठिनाई होगी, जो आज के समय में पेरेंट्स के सामने आती है और वो ऐसा क्या करते थे, जिससे बच्चों का ख्याल रखने से साथ वो अपने बच्चे को अच्छे संस्कार देने में भी सफल हो जाते थे. कुछ तो ऐसा होगा जो उन्हें परफेक्ट पेरेंट्स बनने में मदद करता होगा. अगर आप भी यह सोचते हैं कि आखिर पुराने समय में हमारे माता-पिता और हमारे दादा-दादी या नाना-नानी ऐसा क्या करते थे, जिससे बच्चे इतने अच्छे संस्कारों के साथ बड़े हो जाते थे. इस लेख में आपको ऐसे कुछ तरीकों के बारे में बतलाया जा रहा है, जो पहले माता-पिता अपने बच्चे को अच्छे संस्कार देने के लिए अपनाते थे, इन टिप्स को फॉलो करके आप भी अपने बच्चे को एक अच्छा इंसान बना सकते हैं.

शब्दों के महत्व को समझाएं

पहले माता-पिता अपना बहुत सारा समय बच्चों को यह सिखाने में लगाते थे कि उनको क्या बोलना चाहिए और क्या नहीं. माता-पिता बच्चों को यह भी बताते थे कि किस प्रकार अपने शब्दों के मध्यम से आप किसी के प्रति अपने सम्मान को प्रकट कर सकते हैं, लेकिन समय के साथ पेरेंट्स अपने बच्चों को शब्दों का सही इस्तेमाल करना नहीं बता पाते हैं, जिस कारण बच्चे अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए भी देखे जा सकते हैं.

एकता के महत्व को समझाएं

वर्तमान समय में छोटे परिवार के चलन के कारण बच्चों को एकता के महत्व के बारे में समझाना कठिन हो जाता है. छोटे परिवार में रहते-रहते बच्चे बहुत आत्म-केंद्रित हो जाते हैं, इसलिए यह आवश्यक है कि जब भी आपको समय मिले अपने बच्चे को परिवार के बीच ले जाए, ऐसा करने से उन्हें परिवार के महत्व के बारे में पता चलेगा और उन्हें आत्म-केंद्रित होने के नुकसान के बारे में भी जानकारी मिलेगी.

जिम्मेदारी दें

पुराने समय में माता-पिता अपने बच्चों को खुद से जुड़ी छोटी-छोटी जिम्मेदारी उठाने के लिए प्रोत्साहित करते थे, लेकिन वर्तमान समय में ऐसा नहीं है. अब माता-पिता जितना हो सके अपने बच्चे को आराम देने की कोशिश करते हैं, जिस कारण बच्चे कहीं ना कहीं आत्मनिर्भर होना भूलते जा रहे हैं और उनका यह अवगुण भविष्य में उनके लिए समस्या खड़ा कर सकता है.

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धैर्य के महत्व के बारे में बतलाएं

वर्तमान समय में यह महसूस किया जा सकता है कि बच्चों के अंदर से धैर्य का गुण गायब होता जा रहा है, जिस कारण वो जल्दी तनाव में आ जाते हैं.

छोटी-छोटी खुशियों के महत्व को समझाएं

पहले बच्चे छोटी-छोटी चीजों में खुशी ढूंढ लेते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है. वर्तमान समय में यह गुण बच्चों के अंदर विकसित करना बहुत जरूरी हो गया है.

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