विशेष विवाह अधिनियम में बदलाव करना संसद का काम-SC , जानें किन देशों ने दी है समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता

सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने का अनुरोध करने वाली याचिकाओं पर आज अपना फैसला सुनाया. प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने समलैंगिक विवाह मामले पर कहा कि इस मामले में चार अलग-अलग फैसले हैं. उन्होंने कहा कि विशेष विवाह अधिनियम में बदलाव करना संसद का काम है.

By Meenakshi Rai | October 17, 2023 12:49 PM
undefined
विशेष विवाह अधिनियम में बदलाव करना संसद का काम-sc , जानें किन देशों ने दी है समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता 9

Same Sex Marriage Verdict: सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि विशेष विवाह अधिनियम में बदलाव करना संसद का काम है और न्यायालय कानून की केवल व्याख्या कर सकता है, उसे बना नहीं सकता है.

विशेष विवाह अधिनियम में बदलाव करना संसद का काम-sc , जानें किन देशों ने दी है समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता 10

भारत की शीर्ष अदालत ने 2018 में समलैंगिक यौन संबंध पर प्रतिबंध को हटाकर समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से हटा दिया था.

विशेष विवाह अधिनियम (SMA), 1954: विशेष विवाह अधिनियम भारत में अंतर-धार्मिक और अंतर्जातीय विवाह को पंजीकृत करने एवं मान्यता प्रदान करने के लिए बनाया गया है. जो एक नागरिक अनुबंध के माध्यम से दो व्यक्तियों को अपनी शादी विधिपूर्वक करने की अनुमति देता है. अधिनियम के तहत किसी धार्मिक औपचारिकता के निर्वहन की आवश्यकता नहीं होती. इस अधिनियम में हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, सिख, जैन और बौद्ध विवाह शामिल हैं. यह अधिनियम न केवल विभिन्न जातियों और धर्मों के भारतीय नागरिकों पर बल्कि विदेशों में रहने वाले भारतीय नागरिकों पर भी लागू होता है.

विशेष विवाह अधिनियम में बदलाव करना संसद का काम-sc , जानें किन देशों ने दी है समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता 11

क्या आपको पता है कि ऐसे कौन से देश हैं जो समलैंगिक विवाह की अनुमति देते हैं. दुनियाभर में 134 देशों में समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया गया हालाँकि, उनमें से केवल 34 में ही समलैंगिक विवाह वैध है.

विशेष विवाह अधिनियम में बदलाव करना संसद का काम-sc , जानें किन देशों ने दी है समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता 12

2023 तक, 34 देशों में समलैंगिक जोड़ों के बीच विवाह कानूनी रूप से किया जाता है और मान्यता प्राप्त है, जिसमें अंडोरा हाल में जुड़ा है

विशेष विवाह अधिनियम में बदलाव करना संसद का काम-sc , जानें किन देशों ने दी है समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता 13

वे देश जहां समलैंगिक विवाह कानूनी है: अंडोरा, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, ब्राजील, कनाडा, चिली, कोलंबिया, कोस्टा रिका, क्यूबा, ​​​​डेनमार्क, इक्वाडोर, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, आइसलैंड, आयरलैंड, लक्जमबर्ग, माल्टा, मैक्सिको, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, नॉर्वे , पुर्तगाल, स्लोवेनिया, किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और उरुग्वे दक्षिण अफ़्रीका, स्पेन, स्वीडन, स्विट्ज़रलैंड, ताइवान, संयुक्त राज्य अमेरिका.

विशेष विवाह अधिनियम में बदलाव करना संसद का काम-sc , जानें किन देशों ने दी है समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता 14

नीदरलैंड 2001 में समलैंगिक विवाह को वैध बनाने वाला पहला यूरोपीय देश है जबकि कनाडा 2005 में समलैंगिक विवाह को वैध बनाने वाला पहला अमेरिकी देश है. अर्जेंटीना 2010 में समलैंगिक विवाह को वैध बनाने वाला पहला दक्षिण अमेरिकी देश है

विशेष विवाह अधिनियम में बदलाव करना संसद का काम-sc , जानें किन देशों ने दी है समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता 15

दक्षिण अफ्रीका 2005 में अदालत के फैसले के माध्यम से समलैंगिक विवाह को वैध बनाने वाला पहला अफ्रीकी देश है.

विशेष विवाह अधिनियम में बदलाव करना संसद का काम-sc , जानें किन देशों ने दी है समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता 16

नीदरलैंड ने 2001 में सबसे पहले समलैंगिक विवाह को वैध बनाया था. जबकि ताइवान पहला एशियाई देश था. कुछ ऐसे भी देश हैं जहां सेम सेक्स मैरिज मंजूर नहीं है . इनकी संख्या करीब 64 है. यहां सेम सेक्स रिलेशनशिप अपराध है और सजा के रूप में मृत्युदंड भी शामिल है. मलेशिया में समलैंगिक विवाह अवैध है. पिछले साल सिंगापुर ने प्रतिबंधों को खत्म कर दिया था. लेकिन शादियों की मंजूरी नहीं है

Also Read: सुप्रीम कोर्ट ने भारत में LGBTQIA+ समुदाय को वैवाहिक समानता का अधिकार देने से किया इनकार

Next Article

Exit mobile version