पौष पूर्णिमा के दिन व्रत रख कर चंद्रमा और देवी लक्ष्मी की पूजा करने से धन में वृद्धि होती है और जीवन में सुख समृद्धि आती है. जानें पौष पूर्णिमा कब है. साथ ही धन और सुख समृद्धि के लिए पौष पूर्णिमा के दिन क्या उपाय करें.
पौष पूर्णिमा के दिन कुछ धार्मिक उपाय करने से जीवन में आए कष्ट दूर होते हैं जानें क्या उपाय करना चाहिए-
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पौष पूर्णिमा के दिन मुख्य द्वार समेत घर के दरवाजों पर आम और अशोक के पत्तों का तोरण लगाना शुभ माना जाता है इससे देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हें. घर में लक्ष्मी का आगमन होता है.
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पूर्णिमा तिथि भगवान सत्यनारायण एवं मां लक्ष्मी को समर्पित होती है. इस दिन श्री हरिविष्णु व मांलक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने और व्रत आदि रखने से दुखों का नाश होता है इस दिन सत्यनारायण की पूजा करने का भी विधान है.
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पूर्णिमा के दिन व्रत की सिद्धि के लिए भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी के समक्ष घी का अखंड दीपक जलाना चाहिए.
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इस दिन दीपदान करना शुभ माना गया है. भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए इस दिन आसमान के नीचे सांयकाल घरों, मंदिरों, पीपल के वृक्षों तथा तुलसी के पौधों के पास दीप प्रज्वलित करने चाहिए.
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पौष पूणिमा शीत ऋतु में पड़ने के कारण इस दिन गर्म वस्तुओं का दान करना शुभ माना जाता है.
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पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय के समय चन्द्रमा को कच्चे दूध में चीनी और चावल मिलाकर अर्ध्य देने से धन संबंधी परेशानी दूर हो जाती है.
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भगवान नारायण को प्रसन्न करने के लिए इस दिन भजन और रात्रि जागरण का आयोजन करना भी शुभ मामना जाता है. ऐसा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है.
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पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण की कथा कराने और सुनने से भक्तों पर विष्णुजी की असीम कृपा होती है.
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इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ व ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ का जप करने से प्राणी पापमुक्त होता है. कर्ज से छुटकारा मिलता है.
पौष मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 17 जनवरी दिन सोमवार को तड़के 03 बजकर 18 मिनट पर हो रहा है. पूर्णिमा तिथि 18 जनवरी दिन मंगलवार को प्रात: 05 बजकर 17 मिनट तक है. पूर्णिमा के चंद्रमा का उदय 17 जनवरी को होगा, इसलिए पौष पूर्णिमा 17 जनवरी को है. इसी दिन पौष पूर्णिमा व्रत भी रखा जाएगा.
पौष पूर्णिमा के दिन चंद्र उदय का समय शाम को 05 बजकर 10 मिनट पर है.