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Pitru Paksha 2022: अब सस्ते दामों में गया-वाराणसी जाकर पिंड दान कर सकेंगे लोग, IRCTC लाया है स्पेशल पैकेज

Indian Railway News: 10 सितंबर को पितृपक्ष शुरू होने वाला है. अब आईआरसीटीसी यात्रियों के लिए पिंड दान पैकेज लेकर आया है. इस पैकेज में भारतीय रेल सेवा पितरों को मोक्ष दिलाने और दान-पुण्य करवाने में मदद करेगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 24, 2022 10:21 AM

Pitru Paksha 2022: आगामी 10 सितंबर को पितृपक्ष शुरू होने वाला है. ऐसी मान्यता है कि इस दौरान सभी पूर्वज अपने परिजनों को आशीर्वाद देने के लिए पृथ्वी पर आते हैं. उन्हें प्रसन्न करने के लिए तर्पण, श्राद्ध और पिंड दान किया जाता है. ऐसे में अब आईआरसीटीसी यात्रियों के लिए पिंड दान पैकेज (Pind Daan Package) लेकर आया है. इस पैकेज में भारतीय रेल सेवा पितरों को मोक्ष दिलाने और दान-पुण्य करवाने में मदद करेगी.

पितृपक्ष को लेकर आईआरसीटीसी का स्पेशल पैकेज

पितृपक्ष टूर पैकेज 6 रात और 7 दिन का है. इस दौरान आप अपने परिवार के साथ जा सकते हैं. इस पैकेज की शुरुआती कीमत 17,410 रुपये है. इसके लिए आपको गोंदिया से ट्रेन पकड़ना होगा. इस पैकेज के दौरान आपको वाराणसी-बोधगया-गया ले जाया जाएगा. बता दें कि वाराणसी (काशी) की भूमि सदियों से हिंदुओं के लिए परम तीर्थ स्थान रही है. दुओं का मानना​है कि जो वाराणसी की भूमि पर मरने की कृपा करता है, वह जन्म और पुनर्जन्म के चक्र से मुक्ति प्राप्त करता है. माना जाता है कि वाराणसी में गंगा नश्वर लोगों के पापों को धोने की शक्ति रखती है. वहीं गया, फाल्गु नदी के किनारे एक पवित्र शहर है, जो भारतीय राज्य बिहार में बौद्ध और हिंदू तीर्थ स्थलों के लिए प्रसिद्ध है.


IRCTC टूर पैकेज की डिटेल्स

पितृपक्ष पैकेज का नाम- Pind Daan Package Ex-Gondia

डेस्टिनेशन कवर्ड- वाराणसी-बोधगया-गया

पैकेज की अवधि- 6 रात और 7 दिन

ट्रैवल मोड- ट्रेन

प्रस्थान की तारीख- 22 सितंबर 2022

कहां से कर सकेंगे सैर- गोंदिया

IRCTC टूर पैकेज की कीमत

पितृपक्ष पैकेज में एक लोग को घूमने जाने के लिए 23,840 रुपये देने होंगे.

दो लोगों को 18,525 रुपये का शुल्क देना होगा.

तीन लोगों को जाने के लिए 17,410 रुपये देने होंगे

जो यात्री बच्चों के साथ यात्रा कर रहे हैं और उन्हें बेड चाहिए तो उन्हें 15,185 रुपये देने होंगे.

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क्यों जरूरी है पिंडदान

इंसान भले ही इस संसार में अकेला आता है, लेकिन विषय और संसारिक मोह के बंधनों में बंधकर वह कई रिश्तों की कड़ी बन जाता है. लेकिन मरने के बाद सिर्फ शरीर समाप्त होता है. उसकी आत्मा समाप्त नहीं होती. उसकी आत्मा का आगे का सफर तभी बढ़ता है, जब उसकी कर्मों का सारा हिसाब-किताब हो जाता है.

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