Poila Baisakh 2023: हर साल पोइला बैसाख बहुत ही धूमधाम और भव्यता के साथ मनाया जाता है. बंगाली समुदाय के सबसे खास त्योहारों में से एक पोइला बैसाख बंगाली नव वर्ष की शुरुआत की घोषणा करता है. इस दिन परिवार के सदस्यों और दोस्तों के साथसमय बिताते हैं. पोइला बैसाख एक बेहतर कल का वादा और समृद्धि, आनंद, स्वास्थ्य और धन की आशा भी लाता है. इस दिन को हम विशेष दिन से रूप में मनाते है.
हर साल, पोइला बैसाख 15 अप्रैल को मनाया जाता है. लोग इसे अपने प्रियजनों के साथ मनाने और नए वादों के साथ नए साल का स्वागत करने के लिए दिन का इंतजार करते हैं. बांग्लादेश में पोइला बैसाख 14 अप्रैल को मनाया जाता है.
बंगाली नव वर्ष 2023 इस वर्ष 15 अप्रैल को पड़ रहा है. पोहेला बैशाख के इतिहास के बारे में दो अलग-अलग विचार हैं. कुछ लोगों को कहना है कि बंगाली युग की शुरुआत 7 वीं शताब्दी में राजा शोशंगको के साथ हुई थी, दूसरों का दावा है कि राजा अकबर ने चंद्र इस्लामिक कैलेंडर और सौर हिंदू कैलेंडर को मिलाकर बंगाली कैलेंडर की स्थापना की थी. भारत के कुछ ग्रामीण हिस्सों में बंगाली हिंदू अपनी शुरुआत का श्रेय सम्राट विक्रमादित्य को देते हैं और मानते हैं कि बंगाली कैलेंडर 593 सीई में शुरू होता है.
पोइला बैसाख पश्चिम बंगाल, असम और बांग्लादेश के बंगाली समुदायों द्वारा मनाया जाता है. इस दिन लोग अपने प्रियजनों के लिए नए कपड़े और उपहार खरीदते हैं. वे घर पर पोइला बैसाख-विशेष व्यंजन भी तैयार करते हैं और अपने प्रियजनों के साथ मिलकर व्यंजनों का स्वाद चखते हैं. कुछ लोग मंदिर भी जाते हैं और नए साल की शुरुआत देवी-देवताओं के आशीर्वाद के साथ करते हैं. इस दिन, लोग एक दूसरे को शुभो नोबो बोर्शो यानी हैप्पी न्यू ईयर कहकर विश करते हैं.
शुभ नए साल का स्वागत करने के लिए बंगाली निम्नलिखित अनुष्ठान करते हैं-
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नदी में पवित्र डुबकी या स्नान करें.
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परिवार सहित पवित्र सूर्योदय के साक्षी बनें.
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घर को साफ करें और फूल, अल्पना और कलाकृतियों से सजाएं.
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हिंदू देवताओं, भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की पूजा करें.
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इसके बाद नए रत्न धारण करें.