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Police Memorial Day 2023: आज मनाया जा रहा है पुलिस स्मृति दिवस, जानें क्या है इस दिन का इतिहास

Police Memorial Day 2023 History, Significance, Importance: भारत में हर साल 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस (Police Commemoration Day) मनाया जाता है. यह दिन उन बहादुर पुलिसकर्मियों को याद करने और सम्मान देने के लिए मनाया जाता है, जिन्होंने कर्तव्य की पंक्ति में अपने प्राण न्यौछावर कर दिए.

Police Memorial Day 2023 History, Significance, Importance: हर साल 21 अक्टूबर को देश की सेवा करते हुए अपनी जान गंवाने वाले दस सीआरपीएफ जवानों की शहादत को याद करने के लिए पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है. इस दिन के पीछे एकमात्र विचार हॉट स्प्रिंग्स में चीनी सैनिकों के हमले के दौरान मारे गए बहादुरों के बलिदान और श्रद्धांजलि को याद करना है.

Police Memorial Day 2023: इतिहास

भारत के तिब्बत में 2,500 मील लंबी चीन के साथ सीमा है. 21 अक्टूबर 1959 के वक्त इस सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी भारत के पुलिसकर्मियों की थी. चीन के घात लगाकर हमला करने से ठीक एक दिन पहले 20 अक्टूबर 1959 को भारत ने तीसरी बटालियन की एक कंपनी को उत्तर पूर्वी लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स के इलाके में तैनात किया था. इस कंपनी को तीन टुकड़ियों में बांटकर सीमा के सुरक्षा की जिम्मेदारी गी गई थी. हमेशा की तरह इस कपंनी के जवान लाइन ऑफ कंट्रोल में गश्त लगाने के लिए निकले. 20 अक्टूबर को दोपहर तक तीनों टुकड़ियों में से दो टुकड़ी के जवान दोपरहर तक लौट आए. लेकिन तीसरी टुकड़ी के जवान उस दिन नहीं लौटे. उस टुकड़ी में दो पुलिस कांस्टेबल और एक पोर्टर था.

21 अक्टूबर की सुबह वापस नहीं लौटे टुकड़ी के जवानों के लिए तलाशी अभियान चलाने की योजना बनाई गई. जिसका नतृत्व तत्कालीन डीसीआईओ करम सिंह कर रहे थे. इस टुकड़ी में लगभग 20 जवान थे. करम सिंह घोड़े पर सवार हुए और बाकी जवान पैदल मार्च पर थे. पैदल चलने वाली सैनिकों को 3 अलग-अलग टुकड़ियों में बांट दिया गया था. तलाशी अभियान के दौरान ही चीन के सैनिकों ने घात लगाकर एक पहाड़ के पीछे से फायरिंग शुरू कर दी. भारत के जवान, जो अपने साथी को खोजने निकले थे, वो हमले के लिए तैयार नहीं थे. उनके पास जरूरी हथियार नहीं थे. इस हमले में 10 जवान शहीद हो गए थे और ज्यादातर जवान घायल हो गए थे, 7 की हालत गंभीर थी.

लेकिन चीन यहीं नहीं रूका, चीनी सैनिकों ने गंभीर रूप से घायल जवान को बंदी बनाकर अपने साथ ले गई. बाकी अन्य जवान वहां से किसी तरह से निकलने में सफल हुए. इस घटना के बाद 13 नवंबर 1959 को शहीद हुए 10 पुलिसकर्मियों के शव को चीनी सैनिकों ने लौटा दिया था. भारतीय सेना ने उन 10 जवानों का अंतिम संस्कार हॉट स्प्रिंग्स में पूरे पुलिस सम्मान के साथ किया. इन्ही शहीदों के सम्मान में हर साल भारत में 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है.

Police Memorial Day 2023: महत्व

तब से, जनवरी 1960 में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस महानिरीक्षकों के वार्षिक सम्मेलन ने 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस के रूप में स्थापित किया. यह दिन देश भर में उन दस पुलिस अधिकारियों और अन्य सभी पुलिस अधिकारियों के बलिदान का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है जो देश की सेवा करते हुए अपने जीवन का बलिदान देते हैं.

Police Memorial Day 2023: थीम

परीक्षाओं में आपको पुलिस स्मृति दिवस 2023 थीम पर प्रश्न मिल सकते हैं. इस वर्ष के लिए, पुलिस स्मृति दिवस 2023 थीम की घोषणा अभी तक नहीं की गई है. आधिकारिक घोषणा के बाद, हम इस स्पेस पर पुलिस स्मृति दिवस 2023 थीम को अपडेट करेंगे.

हर साल होती है पुलिस परेड

देश के विभिन्न हिस्सों से पुलिस बलों के सदस्य उन वीर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए हॉट स्प्रिंग्स की यात्रा करते हैं. इस दिन को लोग ‘पुलिस शहीद दिवस’ के नाम से भी जानते हैं. दिल्‍ली के नेशनल पुलिस मेमोरियल में हर साल इस दिन परेड होती है जिसकी शुरुआत 2012 से हुई थी.

‘वीरता की दीवार’ पर 35,000 से अधिक शहीदों के नाम

बता दें कि अनगिनत पुलिसकर्मियों द्वारा अपने कर्तव्य के पालन में किए गए बलिदान की गवाही के रूप में णक्यपुरी, नई दिल्ली में एक राष्ट्रीय पुलिस स्मारक ‘The Wall of Valour’ बनाया गया है.

पुलिस स्मृति दिवस कैसे मनाया जाता है?

  • पुलिसकर्मियों के लिए शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करना

  • पुलिसकर्मियों के बलिदान को याद करने के लिए समारोह आयोजित करना

  • पुलिसकर्मियों के लिए भाषणों और लेखों का प्रकाशन

  • पुलिसकर्मियों के लिए पुरस्कार और सम्मान प्रदान करना

  • पुलिस स्मृति दिवस से जुड़े रोचक तथ्य

पुलिस स्मृति दिवस से जुड़े रोचक तथ्य इस प्रकार हैं

  • जनता की देखभाल के लिए हमेशा तत्पर रहने के लिए पुलिस अधिकारियों के सम्मान में इस दिवस का आयोजन होता है.

  • पुलिस स्मृति दिवस की स्थापना उन 10 पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ अन्य सभी पुलिस कर्मियों के बलिदान को पहचानने के लिए की गई थी, जिनकी ड्यूटी के दौरान मृत्यु हो गई थी.

  • बलिदान को और अधिक मान्यता देने के लिए 1994 में दिल्ली में राष्ट्रीय पुलिस स्मारक (NPM) बनाने का निर्णय लिया गया था.

  • 2012 से राष्ट्रीय पुलिस स्मृति दिवस परेड दिल्ली के चाणक्यपुरी में पुलिस स्मारक स्थल पर आयोजित की जाती रही है.

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