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Positive Thinking: दूसरों की नजरों में बेहतर बने रहने की कोशिश से बेहतर है, अपनी नजरों में बेहतर बने रहना

Positive Thinking: आज के भौतिक युग में ईमानदार और सहज -सरल लोग कम ही मिलते हैं. आपकी भावना अच्छी है ये दुनिया को बताने या साबित करने की कोशिश मत कीजिए. दूसरों की नजरों में बेहतर बने रहने की कोशिश से बेहतर है अपनी नजरों में बेहतर बने रहना .

By Vijay Bahadur | June 23, 2023 9:31 AM

Positive Thinking: उस इंसान को देखो कितना सहज – सरल है,कितना बढ़िया इंसान है . वो सहजता से लोगों के सुख और दुख में खड़ा नजर आता है. इसके प्रतिउत्तर में ज्यादातर लोगों का जवाब होता है कि तुम नहीं जानते हो वो जैसा दिखता है वैसा है नहीं ,अभी नहीं तुम्हें बाद में उसकी सच्चाई पता चलेगी.वो अंदर से कुछ और ,बाहर से कुछ और है. कुछ लोग कहते नजर आएंगे की वो सहज – सरल -सीधा नहीं आले दर्जें का बेवकूफ है ,गधा है.आज के जमाने मे ऐसा कोई व्यक्ति होता है क्या ,गुजारा होगा क्या इसका .

Positive thinking: दूसरों की नजरों में बेहतर बने रहने की कोशिश से बेहतर है, अपनी नजरों में बेहतर बने रहना 2

आज के भौतिक युग में ईमानदार और सहज -सरल लोग कम ही मिलते हैं और जो हैं उसे ज्यादातर लोग मानते नहीं हैं या मानना नहीं चाहते हैं. इसलिए आप ईमानदार हैं ,अच्छे हैं, आपकी भावना अच्छी है ये दुनिया को बताने या साबित करने की कोशिश मत कीजिए. दूसरों की नजरों में बेहतर बने रहने की कोशिश से बेहतर है अपनी नजरों में बेहतर बने रहना .

Don’t prove yourself,

Be honest to yourself.

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