Premanand Ji Maharaj : प्रेमानंद महाराज की सलाह, बच्चों को सबसे पहले सिखाएं भगवान का नाम, खुलेगी किस्मत

Premanand Ji Maharaj : प्रेमानंद महाराज की सलाह के अनुसार बच्चों को सबसे पहले भगवान का नाम सिखाने से उनकी किस्मत खुलती है.

By Shinki Singh | February 3, 2025 1:29 PM

Premanand Ji Maharaj : हर माता-पिता की चाहत होती है कि उनका बच्चा सबसे पहले ‘मां’ या ‘पापा’ बोले लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि बच्चों को सबसे पहले भगवान का नाम सिखाना कितना महत्वपूर्ण हो सकता है. प्रेमानंद महाराज का मानना है कि यदि माता-पिता अपने बच्चों को शुरुआत से ही भगवान का नाम बोलना सिखाते हैं तो इससे न केवल उनका जीवन धार्मिक और संस्कारवान बनता है बल्कि उनकी किस्मत भी बदल जाती है. इस प्रक्रिया से बच्चे को भगवान का आशीर्वाद मिलता है और वह जीवन में सफलता के कदम चूमते हैं.

शहद से भगवान का नाम लिखने की परंपरा

प्रेमानंद महाराज ने यह भी बताया कि पहले के समय में जब बच्‍चे को बोलने में मुश्किल होती थी तो माता-पिता उसकी जुबान पर शहद से भगवान का नाम लिखते थे. इस प्रक्रिया से बच्‍चा उस नाम को पूरी तरह से अपने अंदर ग्रहण कर लेता था. यह एक सरल और प्रभावशाली तरीका था जिसे आज भी अपनाया जा सकता है.

Also Read : Premanand Ji Maharaj: स्वामी प्रेमानंद महाराज जी से जानें, पति-पत्नी के बीच प्यार और समझ को बढ़ाने का सीक्रेट

धार्मिक संस्‍कार बच्‍चे के लिए आवश्‍यक

प्रेमानंद महाराज का कहना है कि माता-पिता को बच्‍चों को शुरू से ही भक्ति और धर्म से जोड़ना चाहिए. जैसा संस्‍कार बच्‍चे को माता-पिता से मिलता है बच्‍चा वैसा ही बनता है. उन्‍होंने सलाह दी है कि बच्‍चे का नाम भगवान के नाम पर रखना शुभ होता है. इससे बच्‍चे को भगवान का आशीर्वाद हमेशा मिलता रहता है.

भगवान के नाम से घर का नाम रखें


प्रेमानंद महाराज ने माता-पिता को एक और अच्‍छी सलाह दी है उनका कहना है कि बच्‍चे के घर का नाम भी भगवान के नाम पर रखा जाए. इससे न केवल घर में शांति और समृद्धि आएगी बल्कि परिवार के सभी सदस्‍य भगवान का स्‍मरण करते रहेंगे और उनका आशीर्वाद बना रहेगा. अगर बच्चों को शुरु से ही सही दिशा दिखाई जाएं तो वह आने वाले समय में बहुत आगे बढ़ते हैं.

Also Read : Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद महाराज ने बताई शादी के लिए सही जीवनसाथी चुनने की सटीक राह

Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर किसी भी तरह से इनकी पुष्टि नहीं करता है.

Next Article

Exit mobile version