Premanand Ji Maharaj Quotes : प्रेमानंद जी महाराज के उपदेश जीवन को सरल और शांतिपूर्ण बनाने का मार्ग दिखाते हैं, उनके विचार हमें यह सिखाते हैं कि बाहरी परिस्थितियां या अन्य लोग हमें दुख नहीं दे सकते, बल्कि हमारा अपना मानसिक दृष्टिकोण ही हमारे सुख और दुःख का कारण है, उनका संदेश आत्मज्ञान और आंतरिक शांति की ओर अग्रसर करता है, प्रेमानंद जी के ये विचार हमारे जीवन को संतुलित और समृद्ध बनाने में मददगार सिद्ध हो सकते हैं, यहां पढ़िये प्रेमानंद जी महाराज के कुछ अनमोल विचारों को:-
“दुःख केवल तुम्हारे मन का उत्पात है, कोई दूसरा तुम्हें दुःख नहीं दे सकता”
“जब तुम भीतर से शांत हो, तब बाहरी परिस्थितियां तुम्हें प्रभावित नहीं कर सकतीं”
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“मनुष्य का सुख और दुःख उसके अपने कर्मों के परिणाम होते हैं, न कि दूसरों की क्रियाओं के”
“समय का सही उपयोग ही जीवन में शांति और संतोष लाता है”
“जो तुमसे बुरा करते हैं, उन्हें शुभकामनाएं दो, क्योंकि वे तुम्हें सिखाने का कार्य कर रहे हैं”
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“सभी दुखों का कारण हमारी अपनी अपेक्षाएं और इच्छाएं हैं, उन्हें छोड़ दो तो दुःख समाप्त हो जाएगा”
“जो हर परिस्थिति में संतुष्ट रहता है, वही सच्चा ज्ञानी होता है”
“तुम्हारी आंतरिक स्थिति ही तुम्हारे बाहर की दुनिया को बनाती है”
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“दूसरों के शब्द तुम्हें तब तक दुखी नहीं कर सकते जब तक तुम उन्हें खुद अपनी स्वीकृति नहीं देते”
“तुम जितना बाहर खोजोगे, उतना अंदर से खोते जाओगे, असली शांति भीतर से आती है”
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प्रेमानंद जी महाराज के ये उद्धरण हमें अपने भीतर की शांति और संतुलन को समझने की प्रेरणा देते हैं, ताकि हम अपने जीवन में किसी भी बाहरी प्रभाव से मुक्त रह सकें.