Radha Iyengar Plumb: भारतीय मूल की राधा अयंगर प्लंब कौन हैं? जिन्होंने संभाली पेंटागन में अहम जिम्मेदारी

Radha Iyengar Plumb: रक्षा उपमंत्री की चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में सेवाएं दे रहीं प्लंब को ‘डिफेंस फॉर ऐक्विजिशन एंड सस्टेनमेंट' के उप अवर सचिव के पद के लिए नामित किया गया है. 29 अक्टूबर 1980 को जन्मी प्लंब को अमेरिका में एक सटीक योजनाकार और गहन विश्लेषक के तौर पर जाना जाता है.

By Agency | June 19, 2022 1:55 PM

Radha Iyengar Plumb: विदेशों में बसे हजारों भारतीय अपनी प्रतिभा और मेहनत के दम पर अक्सर ऊंचे ओहदे हासिल करते हैं और बेगाने मुल्क में भी अपना एक खास मुकाम बना लेते हैं. बड़ी कंपनियों के शीर्ष पदों पर पहुंचने वाले भारतीयों के नाम अक्सर सुर्खियों में रहते हैं, लेकिन अब भारतीय मूल की एक अमेरिकी महिला राधा अयंगर प्लंब को पेंटागन के एक शीर्ष पद के लिए नामित किया गया है. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भारतीय-अमेरिकी राधा अयंगर प्लंब को पेंटागन के एक शीर्ष पद के लिए नामित किया है.

डिफेंस फॉर ऐक्विजिशन एंड सस्टेनमेंट’ के उप अवर सचिव के पद के लिए नामित किया गया

रक्षा उपमंत्री की चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में सेवाएं दे रहीं प्लंब को ‘डिफेंस फॉर ऐक्विजिशन एंड सस्टेनमेंट’ के उप अवर सचिव के पद के लिए नामित किया गया है. 29 अक्टूबर 1980 को जन्मी प्लंब को अमेरिका में एक सटीक योजनाकार और गहन विश्लेषक के तौर पर जाना जाता है. यही वजह है कि 2006 में अपनी पढ़ाई मुकम्मल करने के बाद से वह कई महत्वपूर्ण पदों पर सेवाएं दे चुकी हैं, जिनमें गूगल और फेसबुक जैसी प्रमुख वैश्विक कंपनियों के अलावा लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स और हावर्ड यूनिवर्सिटी जैसे विश्वविख्यात शिक्षण संस्थान शामिल हैं.

मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी से अर्थशास्त्र में पढ़ाई की

41 वर्षीय प्लंब की शैक्षणिक योग्यता की बात करें तो उन्होंने कैंब्रिज स्थित मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी से 1998 से 2002 के दौरान अर्थशास्त्र में पढ़ाई करने के बाद न्यूजर्सी की प्रिंस्टन यूनीवर्सिटी से 2020 से 2006 के बीच अर्थशास्त्र में ही पीएचडी पूरी की. पढ़ाई के बाद अगस्त 2006 में अयंगर ने कैंब्रिज में आरडब्ल्यूजे हेल्थ पॉलिसी स्कॉलर के तौर पर हावर्ड यूनिवर्सिटी में काम करना शुरू किया और यहां दो बरस तक रहीं. उसके बाद उन्होंने 2008 में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर इंग्लैंड के लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में काम करना शुरू किया. उल्लेखनीय है कि लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स को दुनिया के बेहतरीन शिक्षण संस्थानों में शुमार किया जाता है.

ऐसा रहा प्लंब का करियर

2011 में प्लंब शोध संस्थान आरएएनडी कॉरपोरेशन में एकेडेमिक एडवाइजर रहीं. प्लंब को इस पद पर काम करते एक वर्ष ही हुआ था, जब उन्हें पेंटागन में एक अहम जिम्मेदारी सौंपी गई और असिस्टेंट सेक्रेटरी का पॉलिसी एडवाइजर बनाया गया. एक वर्ष बाद उन्होंने व्हाइट हाउस में एक अहम जिम्मेदारी संभाली और 2017 तक अपने दायित्व का कुशलता से निर्वहन करती रहीं. यह सिलसिला यूं ही चलता रहा और 2017 में वह फेसबुक में यूजर सेफ्टी एंड रिसर्च मैनेजमेंट में रिसर्च हेड बनीं. एक वर्ष की सेवा के बाद उन्हें प्रोडक्ट पॉलिसी रिसर्च का प्रमुख बनाया गया और अगस्त 2019 में उन्होंने ग्लोबल हेड ऑफ पॉलिसी एनालिसिस के रूप में एक अहम जिम्मेदारी संभाली, जहां उन्होंने उच्च जोखिम/उच्च नुकसान, गंभीर एवं महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दों से जुड़ी समस्याओं से निपटने के लिए काम किया.

फेसबुक को छोड़कर गूगल की तरफ कदम बढ़ाया

प्लंब ने उसके बाद फेसबुक को छोड़कर गूगल की तरफ कदम बढ़ाया और चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में अपनी नियुक्ति से पहले वह गूगल में विश्वास एवं सुरक्षा के लिए अनुसंधान एवं अंतर्दृष्टि की निदेशक थीं और व्यापार विश्लेषण, डेटा विज्ञान तथा तकनीकी अनुसंधान संबंधित टीम का नेतृत्व करती थीं. प्लंब ने रक्षा मंत्रालय, ऊर्जा मंत्रालय और व्हाइट हाउस राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर कई वरिष्ठ पदों पर भी अपनी सेवाएं दी हैं. विभिन्न सरकारी और निजी कंपनियों में शीर्ष पदों पर रहते हुए प्लंब ने यौन हमलों और आत्महत्या जैसी सामाजिक बुराइयों को कम करने के लिए नीतियां बनाने के साथ-साथ पश्चिम एशिया में शांति और अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना की वापसी के समय के हालात पर नियंत्रण पाने में भी अहम भूमिका निभाई.

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भारतीय मूल की हैं प्लंब

उन्होंने जनवरी 2020 में आरएएनडी कॉरपोरेशन द्वारा प्रकाशित किताब ‘‘एवेलेबिलिटी ऑफ फैमिली वायलेंस सर्विसेज फॉर मिलिट्री सर्विस मेंबर्स एंड देयर फैमिलीज” के लेखन में भी सहयोग दिया है. प्लंब इस किताब के नौ लेखकों में से एक हैं. प्लंब की उपलब्धियों की सूची बहुत लंबी है और हर गुजरते बरस के साथ वह अपनी लगन और मेहनत से खुद के लिए एक नयी राह बना रही हैं. भारत में बैठे उनके हमवतन इस बात पर गर्व महसूस करते हैं कि राधा अयंगर प्लंब के नाम के साथ भारत का नाम भी जुड़ा है. आज उनकी नागरिकता कुछ भी हो, लेकिन उनकी जड़ें और उनका मूल तो भारत ही है.

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