World Radio Day: हर साल 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस के रूप में मनाया जाता है. वैसे तो रेडियो सदियों पुराना उपकरण है, लेकिन आज भी रेडियो को संचार और मनोरंजन के लिए इस्तेमाल किया जाता है. संयुक्त राष्ट्र रेडियो की स्थापना 13 फरवरी 1946 को किया गया था. इसलिए, इस जन माध्यम को सेलिब्रेट करने के लिए यह तारीख को चुना गया. स्पेन के प्रारंभिक प्रस्ताव के बाद 2011 में यूनेस्को के आम सम्मेलन में विश्व रेडियो दिवस घोषित किया गया था. आज विश्व रेडियो दिवस के मौके पर इस बारे में जान लेते हैं कुछ जरूरी बातें-
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हर वर्ष दुनियाभर में 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस के रूप में मनाया जाता है.
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इस वर्ष यूनेस्को द्वारा विश्व रेडियो दिवस की थीम ‘रेडियो और शांति’ रखी गयी है. इसका उद्देश्य पूरी दुनिया में शांति स्थापना के लिए रेडियो की भूमिका को रेखांकित करना है.
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20 अक्तूबर, 2010 को स्पेनिश रेडियो अकादमी के अनुरोध पर स्पेन ने संयुक्त राष्ट्र में दुनियाभर में रेडियो को समर्पित विश्व दिवस मनाने के लिए सदस्य देशों से अपील की थी.
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इस प्रस्ताव के बाद ही यूनेस्को ने पेरिस में आयोजित 36वीं आमसभा में 3 नवंबर, 2011 को यह ऐलान किया कि प्रत्येक वर्ष 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस के रूप में मनाया जायेगा.
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दरअसल, 13 फरवरी को ही संयुक्त राष्ट्र के ‘रेडियो यूएनओ’ की वर्षगांठ भी होती है, क्योंकि वर्ष 1946 में इसी दिन वहां रेडियो स्टेशन स्थापित हुआ था.
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अपने देश में रेडियो प्रसारण की शुरुआत 1920 के दशक में हो गयी थी. रेडियो पर पहला कार्यक्रम वर्ष 1923 में मुंबई के रेडियो क्लब से शुरू किया गया था. देश में पहला न्यूज बुलेटिन 19 जनवरी, 1936 को ब्रॉडकास्ट किया गया था.
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रेडियो के आविष्कार का श्रेय इटली के वैज्ञानिक मारकोनी को जाता है. उन्हीं के बनाये मर्करी ऑटो कोहेरर के जरिये पहली बार वर्ष 1896 में अटलांटिक महासागर के पार रेडियो संकेत प्राप्त हुआ था.
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शुरुआत में रेडियो का उपयोग नौका चालकों की सुरक्षा के लिए किया जाता था.
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आज के डिजिटल युग में संचार की दुनिया में रेडियो स्वरूप बदल कर डिजिटल होता जा रहा है. साथ ही श्रव्य माध्यम की उपयोगिता व प्रसार अन्य मीडिया प्लेटफॉर्म की तुलना में अब भी अधिक है.