भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद (Rajendra Prasad Birth Anniversary) की आज यानी तीन दिसंबर को जयंती है. उनका जन्म 1884 को बिहार के जीरादेई में हुआ था. 26 जनवरी 1950 से 14 मई 1962 तक उन्होंने देश के राष्ट्रपति के तौर पर अपनी सेवा दी. इनकी मृत्यु 18 फरवरी 1963 में हुई थी.
उच्च कोटि के लेखक भी थे राजेंद्र प्रसाद
राजेंद्र प्रसाद (Rajendra Prasad Birth Anniversary) एक उच्च कोटि के लेखक भी थे उन्होंने 1946 में अपनी आत्मकथा के अलावा और भी कई पुस्तकें लिखी जिनमें बापू के कदमों में (1954), इंडिया डिवाइडेड (1946), सत्याग्रह ऐट चंपारण (1922), गांधी जी की देन, भारतीय संस्कृति व खादी का अर्थशास्त्र आदि कई रचनाएं शामिल हैं.
भारत के राष्ट्रपति के रूप में डॉ राजेंद्र प्रसाद के कार्य :-
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26 जनवरी 1950 को डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद भारत के प्रथम राष्ट्रपति चुने गये थे
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सन 1957 को दूसरी बार राष्ट्रपति के चुनाव हुए थे
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जिसमें डॉ राजेंद्र प्रसाद को दोबारा राष्ट्रपति बनाया गया था. ऐसा करने वाले वे भारत के सर्वप्रथम व्यक्ति थे
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सन 1962 तक इस पद पर रहकर उन्होंने देश की सेवा की थी
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सन 1962 में इस पद को त्याग कर पटना चले गए थे और बिहार विद्यापीठ में रहकर जन सेवा का कार्य करने लग गए थे.
भारतीय संविधान निर्माण में योगदान
डॉ राजेंद्र प्रसाद (Rajendra Prasad Birth Anniversary) ने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के साथ मिलकर संविधान के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद को संविधान के प्रारूप समिति का अध्यक्ष बनाया गया था. डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने हस्ताक्षर करके ही सविधान को मान्यता प्रदान की थी तथा भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 में लागू किया गया था.
राजेंद्र प्रसाद की कही बाते आज भी देश भर के लोगों को प्रेरणा देती हैं. आइये जानते हैं, राजेंद्र प्रसाद की कही उन बातों के बारें में जिनसे आप बेहतर इंसान बन सकते हैं.
राजेंद्र प्रसाद की कही प्रेरणादायक बातें (Rajendra Prasad Quotes In Hindi)
1. ”मंजिल को पाने की दिशा में आगे बढ़ते हुए याद रहे कि मंजिल की ओर बढ़ता रास्ता भी उतना ही नेक हो.”
2. ”किसी की गलत मंशाएं आपको किनारे नहीं लगा सकतीं.”
3. ”जो बात सिद्धांत में गलत है, वह बात व्यवहार में भी सही नहीं है.”
4. ”हर किसी को अपनी उम्र के साथ सीखने के लिए खेलना चाहिए.”
5. ”जो मैं करता हूं, उन सभी भूमिकाओं के बारे में सावधान रहता हूं.”
6. ”खुद पर उम्र को कभी हावी नहीं होने देना चाहिए.”
7. ”मैं एक ऐसे पड़ाव पर हूं, जहां खुद की उम्र को बेहद अच्छी तरह समझता हूं.”
8. ”पेड़ों के आसपास चलने वाला अभिनेता कभी आगे नहीं बढ़ सकता.”
Posted By: Shaurya Punj