Raksha Bandhan: 11 अगस्त को मनेगा रक्षाबंधन का त्योहार, जानें क्या कहते हैं ज्योतिषाचार्य सुशील पुरोहित
Raksha Bandhan Date: 11 अगस्त रक्षाबंधन के दिन हालांकि भद्रा उपस्थित तो रहेगी, लेकिन इस बार चंद्रमा के मकर राशि में होने के कारण भद्रा अधोमुख होगी और भद्रा का निवास पाताल में रहेगा. पृथ्वीलोक प्रभावित नहीं होगा. इसलिए इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा की उपस्थित से कोई बाधा नहीं होगी.
Raksha Bandhan: इस बार रक्षाबंधन पर्व को लेकर 11 और 12 अगस्त के बीच संशय बना हुआ है, लेकिन ज्योतिषीय गणना के अनुसार 11 अगस्त को सुबह 10:38 बजे पूर्णिमा तिथि शुरू होगी और पूरे दिन पूर्णिमा व्याप्त रहेगी, जबकि 12 अगस्त को पूर्णिमा तिथि उदय तिथि तो होगी, लेकिन सुबह 7:05 बजे समाप्त हो जायेगी और दिन में पूर्णिमा नहीं रहेगी, इसलिए 12 अगस्त को पूर्णिमा तिथि की अनुपस्थिति में रक्षाबंधन शास्त्रोक्त और तर्क संगत नहीं होगा. इसलिए 11 अगस्त को ही रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जायेगा और सुबह 10:38 बजे पूर्णिमा तिथि लगने के बाद राखी बांधने का समय आरंभ होगा.
रक्षाबंधन पर भद्रा
इस बार 11 अगस्त रक्षाबंधन के दिन हालांकि भद्रा उपस्थित तो रहेगी, लेकिन इस बार चंद्रमा के मकर राशि में होने के कारण भद्रा अधोमुख होगी और भद्रा का निवास पाताल में रहेगा. पृथ्वीलोक प्रभावित नहीं होगा. इसलिए इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा की उपस्थित से कोई बाधा नहीं होगी.
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रक्षाबंधन पर राखी बांधने के लिए विशेष शुभ चौघड़िया मुहूर्त
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सुबह 10:45 बजे से दोपहर 12:24 बजे तक चर
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दोपहर 12:24 बजे से दोपहर 2:04 तक लाभ
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दोपहर 2:04 बजे से अपराह्न 3:43 बजे तक अमृत
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शाम 5:22 बजे से शाम 7:02 बजे तक शुभ
क्या कहते हैं ज्योतिषाचार्य
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार सभी मुहूर्त राखी बांधने के लिए शुभ हैं. अपनी सुविधा के अनुसार इनका उपयोग कर सकते हैं. राखी बांधने के पीछे बहन की विशेष कामना भाई की जीवन रक्षा के लिए ही होती है. इसलिए अमृत चौघड़िया मुहूर्त को राखी बांधने के लिए सबसे श्रेष्ठ समय माना गया है, बहनें अमृत मुहूर्त में भाई को राखी बांधें, तो इससे भाई को दीर्घायु और अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है.
अमृत मुहूर्त
रक्षा बंधन पर अमृत मुहूर्त दोपहर 2:00 बजे से अपराह्न 3:43 बजे तक और शाम 7:02 बजे से रात 8:22 तक रहेगा. राखी बांधते समय भाई को पूर्व या उत्तर दिशा की और मुख करके बैठना चाहिए. सर्वप्रथम बहन को अपनी अनामिका उंगली से भाई के मस्तक पर रोली का तिलक लगाकर तिलक पर अक्षत अर्थात साबुत चावल लगाना चाहिए. अक्षत अखंड शुभता को प्रदर्शित करते हैं. इसके बाद भाई की कलाई पर राखी बांधते हुए उसके मंगल की कामना करनी चाहिए और भाई को आपकी बहन की रक्षा का प्रण लेते हुए उसे उपहार भेंट देना चाहिए.
विशेष
हिंदू पंचांग के अनुसार पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त 2022 को सुबह 10 बजकर 38 मिनट पर शुरू हो रही है और 12 अगस्त 2022 को सुबह 7 बजकर 5 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में रक्षा बंधन का त्योहार 11 अगस्त को मनाया जायेगा. बहनें 11 अगस्त 2022 को सुबह 8 बजकर 51 मिनट से लेकर रात 9 बजकर 19 मिनट के बीच राखी बांध सकती हैं.