अयोध्या राम मंदिर में आगामी वाले 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है. इस अवसर पर भगवान श्री राम की स्तुति के लिए गाया जाने वाला भजन- भए प्रगट कृपाला दीन दयाला ट्रेंड में है और लोग इसे इंटरनेट पर सर्च कर रहे हैं. भए प्रगट कृपाला दीन दयाला स्तुति तुलसीदास जी द्वारा लिखी गई है. रामचरितमानस के बालकाण्ड में इसका वर्णन आता है. श्री राम नवमी के अवसर पर विशेष कर यह राम स्तुति पढ़ना और सुनना विशेष फलदायी माना जाता है.यह स्तुति बधाई गान के रूप में भी गाई जाती है.
भये प्रकट कृपाला दीन दयाला, कौशिल्या हितकारी , हरषित महतारी, मुनि मन हारी, अद्भुत रूप निहारी ॥
लोचन अभिरामा, तनु घनश्यामा, निज आयुध भुजचारी, भूषण बन माला, नयन विशाला, शोभा सिंधु खरारी ॥
कह दुइ कर जोरी, स्तुति तोरी, केहि विधि करूं अनंता, माया गुण ग्यानातीत अमाना, वेद पुराण भनंता॥
करुणा सुख सागर, सब गुन आगर, जेहि गावहिं श्रुति संता, सो मम हित लागी, जन अनुरागी, प्रकट भये श्रीकंता॥
ब्रह्मांड निकाया, निर्मित माया, रोम रोम प्रति वेद कहे, मम उर सो वासी, यह उपहासी, सुनत धीर मति थिर न रहे॥
उपजा जब ज्ञाना, प्रभु मुसुकाना, चरित बहुत बिधि कीन्ह चहे, कहि कथा सुनाई, मातु बुझाई, जेहि प्रकार सुत प्रेम लहे॥
माता पुनि बोली, सो मति डोली, तजहुँ तात यह रूपा, कीजे शिशुलीला, अति प्रियशीला, यह सुख परम अनूपा॥
सुनि वचन सुजाना, रोदन ठाना, होइ बालक सुरभूपा, यह चरित जे गावहिं, हरिपद पावहिं, ते न परहिं भवकूपा॥
विष्णु भगवान पृथ्वी पर धर्म की स्थापना और धर्म की रक्षा करने के लिए कई बार अवतरित हुए है. भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम के नाम से भी जाना जाता है. आज के समय में भी सभी लोगों को भगवान राम के नक्शे कदम पर चलने की सलाह दी जाती है. भगवान राम की पूजा करने मात्र से जीवन में आने वाले सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. भये प्रगट कृपाला दीन दयाला को पढ़ने या सुनने के लिए सुबह का समय सबसे अच्छा माना गया है.
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