Ramadan 2024: आज यानी 12 मार्च से रमजान के पाक महीने की शुरुआत हो चुकी है. इस महीने का इस्लाम धर्म में बहुत महत्व है. बता दें कि रमजान को माह- ए- रमजान भी कहा जाता है. यह पर्व इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार साल के नौवें महीने में मनाया जाता है. इसकी खास बात यह है कि महीने का फैसला चांद को देख कर किया जाता है. रमजान के पहले दिन से ही इस्लाम धर्म के लोग सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक कुछ भी खाते- पीते नहीं हैं, इसे रोजा रखना कहा जाता है. रोजे के दौरान क्या सावधानी रखी जाती है और इसका महत्व क्या है?
क्या है रमजान का महत्व ?
रमजान का महीना बहुत खास होता है. इस महीने की शुरुआत चांद को देख कर की जाती है. माना जाता है कि इसी महीने में अल्लाह ने मोहम्मद साहब को अपना पैगंबर चुनाव था और कुरान शरीफ भी इसी महीने नाजिल हुआ था, इसलिए यह महीना मुसलमानों के लिए बहुत खास और पाक है.
रोजा का महत्व
रमजान के महीन में हर सेहतमंद मुसलमान सूरज उगने से लेकर सूरज ढलने तक रोजा रखता है यानी वह कुछ खाता-पीता नहीं है. साथ ही हर मुसलमान अल्लाह के बताए रास्ते पर चलता है और वह अल्लाह के करीब हो जाता है.
रमजान में सेहरी क्या है?
रमजान के पूरे महीने के दौरान इस्लाम धर्म के लोग सूर्योदय के पहले उठ कर भोजन करते हैं जिसे सेहरी कहा जाता है. रोजे की शुरुआत सूर्य के निकलने से पहले फज्र की अजान से की जाती है.
रमजान में इफ्तार क्या है?
सूर्यास्त के बाद शाम को नमाज पढ़ते हैं और दिन भर के उपवास के लोग अपना उपवास तोड़ते है जिसे इफ्तार कहा जाता है.
क्या है रोजा रखने के नियम?
रमजान के वक्त जिसने भी रोजा रखा है उन्हें बहुत ही सावधानी और ध्यान से सभी नियमों का पालन करना पड़ता है. अगर आप भी रोजा रख रहे हैं तो दिए गए नियमों का पालन ध्यानपूर्वक करें.
- रोजा में व्यक्ति को दिन भर भूखे प्यासे रहना पड़ता है.
- ध्यान रहे कि रोज़े के दौरान आप किसी को भी बुरा न कहें साथ ही न बुरा देखें और न ही बुरा सुनें.
- ध्यान में रखें कि आपकी कही बातों से किसी को दुख या कष्ट न पहुंचे.
- रोजा के वक्त निर्धारित समय पर नमाज पढ़ें.
- अगर किसी को आपके मदद की जरूरत हो तो बेझिझक उनकी मदद करें.