Rangbhari Ekadashi 2021 Date, Significance, Shubh Muhurat, Lord Shiv, Puja Vidhi, Kashi Holi Images: रंगभरी एकादशी 25 मार्च को मनाई जाएगी. यह पर्व मुख्य रूप से भगवान शिव और पार्वती को समर्पित है. आपको बता दें कि फाल्गुन शुक्ल की एकादशी को रंगभरी एकादशी के रूप में मनाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव, मां पार्वती को विवाह करके पहली बार काशी पर्वत लाए थे. इस दिन बाबा विश्वनाथ के श्रृंगार का विशेष महत्व होता है और इसी दिन से काशी में होली के पर्व की शुरूआत भी हो जाती है. यह पर्व लगातार छह दिनों तक चलता है.
आपको बता दें कि रंगभरी एकादशी के दिन ही आमलकी एकादशी भी मनाई जाती है. जिस दिन आंवले और भगवान विष्णु को पूजने की परंपरा होती है.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु ने आंवले को आदि वृक्ष के रूप में इसी दिन स्थापित किया था. जिसके बाद से आंवले के वृक्ष की भी पूजा की जाने लगी. यही कारण है कि इसे आमलकी एकादशी भी कहा जाता है. रंगभरी और आमलकी एकादशी में बस अंतर यह है कि इस रंगभरी एकादशी में महादेव की पूजा की जाती है जबकि आमलकी एकादशी श्री हरि की पूजा करने की परंपरा है.
मान्यताओं के अनुसार इस दिन विधि-विधान से संयुक्त रूप से महादेव और भगवान विष्णु की पूजा करने से सेहत, तरक्की, सौभाग्य आदि की प्राप्ति होती है.
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सबसे पहले सुबह उठ कर नहा धो लें, स्वच्छ वस्त्र पहनें.
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इसके बाद पूजा का संकल्प लें.
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साफ-सुथरे पात्र में अब जल भर लें, संभव हो तो शिव मंदिर जाएं,
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वहां उन्हें चंदन, गुलाल, अबीर और बेलपत्र चढ़ाएं.
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सबसे पहले शिवलिंग पर चंदन लगाएं
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फिर, बेलपत्र और जल अर्पित करें.
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इसके बाद गुलाल और अबीर से चढ़ाएं
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अब धूप, दीपक दिखा मंत्र जाप करें
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उनसे अपनी मनोकामनाएं मांगे, भगवान भोलेनाथ को विधि-विधान से पूजने से सभी परेशानियां दूर होती है
Posted By: Sumit Kumar Verma