Happy Republic Day: संविधान से संबंधित कुछ रोचक तथ्य, जानना भारत के हर नागरिक के लिए है जरूरी
Republic Day History: 24 जनवरी, 1950 को संविधान की दो हस्तलिखित प्रतियों- हिंदी और अंग्रेजी में- पर संविधान सभा के सदस्यों ने हस्ताक्षर किये. इनके साथ एक अंग्रेजी की प्रति भी थी. इसके दो दिन बाद 26 जनवरी को एक नया इतिहास रचने के साथ देश में संविधान लागू हो गया.
Republic Day 2022: आज हम अपना 73वां गणतंत्र दिवस मना रहे हैं. तमाम चुनौतियों का सामना करते हुए भारत ने बीते 73 वर्षों में कई उपलब्धियां हासिल की. इस विशेष अवसर पर जानते हैं भारत के संविधान से संबंधित कुछ रोचक तथ्यों के बारे में…
-संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर, 1946 को नयी दिल्ली में कॉन्स्टिट्यूशन हॉल में हुई थी, जिसे अब संसद भवन के सेंट्रल हॉल के रूप में जाना जाता है.
-डॉ बीआर आंबेडकर को स्वतंत्र भारत के नये संविधान की रचना के लिए बनी संविधान की प्रारूप समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था.
-संविधान का प्रारूप तैयार करने के ऐतिहासिक कार्य को पूरा करने में संविधान सभा को लगभग तीन साल (दो साल, ग्यारह महीने और सत्रह दिन) लगे.
-भारतीय संविधान सभा द्वारा 26 नवंबर, 1949 को संविधान को स्वीकृत कर लिया गया और इसे लागू 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया.
-संविधान को पूरी तरह अपनाये जाने से पहले संविधान सभा के 308 सदस्यों ने 166 बार बैठकें की थीं. इस दौरान दो महीनों तक संविधान का पाठ किया गया और इसे अंग्रेजी से हिंदी में अनूदित किया गया.
-24 जनवरी, 1950 को संविधान की दो हस्तलिखित प्रतियों- हिंदी और अंग्रेजी में- पर संविधान सभा के सदस्यों ने हस्ताक्षर किये. इनके साथ एक अंग्रेजी की प्रति भी थी. इसके दो दिन बाद 26 जनवरी को एक नया इतिहास रचने के साथ देश में संविधान लागू हो गया.
-भारतीय संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है. उसी दिन डॉ राजेंद्र प्रसाद भारतीय संघ के पहले राष्ट्रपति नियुक्त हुए थे.
-संविधान लागू होने के साथ ही संविधान सभा का अस्तित्व समाप्त हो गया और नये संविधान के परिवर्ती प्रावधानों के तहत भारत की संसद गठित हुई.
-26 जनवरी, 1929 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का वार्षिक अधिवेशन तत्कालीन पंजाब प्रांत की राजधानी लाहौर में हुआ, जहां कांग्रेस के पूर्ण स्वराज का घोषणा-पत्र तैयार किया गया. स्वतंत्रता से पहले इसी दिन स्वाधीनता दिवस मनाया जाता था. इस तिथि के महत्व के कारण ही गणतंत्र स्थापना के लिए इस दिन को चुना गया.
Posted By : Amitabh Kumar