Republic Day 2024: 15 अगस्त और 26 जनवरी के ध्वजारोहण में होता है अंतर, जानें कारण

Republic Day 2024: क्या आपको पता है कि स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के नियम अलग-अलग हैं. अगर नहीं पता तो आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से बताएंगे कि इन दोनों राष्ट्रीय पर्व के ध्वजारोहण में क्या-क्या अंतर है.

By Shashank Baranwal | January 17, 2025 8:17 PM

Republic Day 2024: भारत को गणतांत्रिक हुए 26 जनवरी, 2025 को 76 साल हो जाएंगे. यह राष्ट्रीय पर्व उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना स्वतंत्रता दिवस, क्योंकि 26 जनवरी, 1950 को ही देश में संविधान लागू हुआ था. इसी दिन भारत संप्रभु गणराज्य बना था. ऐसे में क्या आपको पता है कि स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के नियम अलग-अलग हैं. अगर नहीं पता तो आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से बताएंगे कि इन दोनों राष्ट्रीय पर्व के ध्वजारोहण में क्या-क्या अंतर है.

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स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस में अंतर

  • गणतंत्र दिवस के मौके पर देश के झंडे को पोल के शीर्ष पर बांध दिया जाता है. ऐसे में जब राष्ट्रपति डोरी खींचते हैं, तो वह फहराने लगता है. गणतंत्र दिवस पर इस प्रक्रिया को झंडा बंधन या झंडा फहराना कहलाता है. दूसरी तरफ स्वतंत्रता दिवस के मौके पर तिरंगे को पोल में बांधकर रखा जाता है. इस दौरान जब प्रधानमंत्री तिरंगे की डोरी को खींचते हैं, तो सबसे पहले झंडा ऊपर जाता है, इसके बाद झंडा फहराता है. इस प्रक्रिया को ध्वजारोहण या फ्लैग होस्टिंग कहा जाता है.
  • आजादी के दिन तिरंगे को लाल किले की प्राचीर से फहराया जाता है. जबकि गणतंत्र दिवस के दिन तिरंगा राजपथ पर फहराया जाता है.
  • 26 जनवरी के दिन देश का राष्ट्रपति तिरंगा फहराता है. जबकि 15 अगस्त को तिरंगा झंडा प्रधानमंत्री द्वारा फहराया जाता है.
  • 15 अगस्त को किसी देश को आमंत्रित नहीं किया जाता है, जबकि 26 जनवरी को किसी विदेशी अतिथि को आमंत्रित किया जाता है.
  • 15 अगस्त का समापन उसी दिन हो जाता है, जबकि 26 जनवरी का समापन 29 जनवरी को बीटिंग रिट्रीट समारोह के साथ होता है.
  • 26 जनवरी के दिन दिल्ली में भव्य परेड आयोजित की जाती है, जबकि 15 अगस्त के दिन प्रधानमंत्री देश की उपलब्धियों को गिनाते हैं.

15 अगस्त को PM और 26 जनवरी को राष्ट्रपति क्यों फहराते हैं झंडा?

दरअसल, भारत की आजादी के समय कोई भी आधिकारिक राष्ट्रपति नहीं था, इसलिए आजादी के समय तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराया था. उस समय के बाद से यह परंपरा चल गई कि 15 अगस्त को देश के प्रधानमंत्री तिरंगा झंडा फहराएंगे. वहीं 26 जनवरी, 1950 को देश के राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने तिरंगा झंडा फहराया था. ऐसे में यह परंपरा उसी समय से चली आ रही है.

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